pravakta.com
प्रेमचंद की जरूरत थी - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
अधराता हो चुका था। पर आखों से नींद वैसे ही गायब थी जैसे यूपी में चुनाव के चलते हर नेताई आंख से नींद गायब है। जैसे तैसे सोने का नाटक कर सोने ही लगा था कि फोन आया तो चैंका। किसका फोन होगा? किसी दोस्त को कहीं कुछ हो तो…