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पुण्यतिथि विशेष: "तिलक की 'लोकमान्य' पत्रकारिता से कोसों दूर हैं मौजूदा भारतीय पत्रकारिता - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
अनुज हनुमत जिन वीर सपूतों ने हमारे देश को स्वतन्त्रता दिलाने के लिए हँसते हँसते अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया । आज मौजूदा समय में हम उन्ही अमर शहीदों के उद्देश्यों,सिद्धांतों और उनके देखे गए सपनों का प्रतिदिन गला घोंट रहे हैं । भारत में पत्रकारिता ने अपने उद्भव…