प्रो. बी.के. कुठियाला बने माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति

भोपाल। प्रो. बी. के. कुठियाला माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के नए कुलपति बने हैं। वे विश्वविद्यालय के सातवें कुलपति हैं। इसके पूर्व श्री अच्युतानन्द मिश्र और संस्थापक कुलपति डॉ. राधेश्याम शर्मा ऐसे कुलपति रहे जो अकादमिक पृष्ठभूमि के हैं। उल्लेखनीय है कि डॉ. शर्मा के बाद और श्री मिश्र के पूर्व जिन चार लोगों ने कुलपति का दायित्व निर्वहन किया वे प्रशासनिक पृष्ठभूमि के थे। इनमें डॉ. भागीरथ प्रसाद, श्री शरदचन्द्र बेहार और श्री सुमित बोस तो भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे, जबकि श्री अरविन्द चतुर्वेदी राज्य प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी रहे। श्री चतुर्वेदी जनसंपर्क विभाग में अपर संचालक के पद पर थे।

प्रो. ब्रजकिशोर कुठियाला कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष रहे हैं। वे भारतीय जनसंचार संस्थान नई दिल्ली के निदेशक भी रह चुके हैं। विश्वविद्याल अनुदान आयोग से संबध्द रहे श्री कुठियाला मीडिया, जनसंचार, शोध और शिक्षण कार्यों से जुड़े रहे हैं। मानवशास्त्र और समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त प्रो. कुठियाला अनेक पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं। वे श्री अच्युतानन्द मिश्र के उतराधिकारी के रूप में विश्वविद्यालय की अकादमिक परंपरा का निर्वहन करेंगे। कार्यभार ग्रहण करते हुए प्रो. कुठियाला ने कहा कि वे विश्वविद्यालय की अकादमिक परंपरा का निर्वहन करते हुए कोशिश करेंगे कि वर्तमान संदर्भ में मीडिया की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंचार के क्षेत्र में कार्य करने वाले मूल्यनिष्ठ और राष्ट्रनिष्ठ व्यक्तित्व का निर्माण हो।

4 COMMENTS

  1. कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग को उचाईयों
    तक पहुँचाने और संचार शिक्षा को नयी रोशनी प्रदान करने का श्रय केवल
    आपको जाता है i
    माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के नए कुलपति बनने पर
    मेरी और से सर कुठियाला जी आपको बहुत बहुत बधाई

    अनिल कुमार बेनीवाल
    मीडिया डिपार्टमेंट
    शाह सतनाम जी बोयज कॉलेज , सिरसा

  2. प्रो. कुठियाला जी, हार्दिक बधाई. विश्वास है की आपके मार्गदर्शन में विश्वविद्यलय नए आयाम छुएगा. एक नई ऊर्जा का प्रवाह होगा.

  3. बधाई कुठियाला जी. अब उम्मीद की जानी चाहिए कि इस अद्भुत संस्थान को बेहार जैसे नौकरशाहों का चारागाह बनने से मुक्ति मिलेगी. अच्युतानंद जी को भी यह श्रेय जाता है कि उन्होंने इस विश्वविद्यालय को एक नयी और भली पहचान दी अब कुठियाला जी के अनुभवों एवं क्षमता का लाभ मिलेगा..शुभकामना.

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