लादेन की मौत से उपजे प्रश्न

डॉ. सुरेंद्र जैन

आखिरकार १० साल के चूहे-बिल्ली के खेल के बाद अमेरिका नें विश्व के सबसे बडे आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को खत्म कर ही दिया। आतंकवाद के विशेषज्ञ सही कह रहे हैं कि ओसामा की मौत के बाद आतंकवाद समाप्त नहीं होगा। यह इस लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है; पर निर्णायक नहीं। जब तक दारुल इस्लाम का लक्ष्य सामने रखकर मानवता के विरूद्ध जिहाद करने वाली विचारधारा को समाप्त नहीं किया जायेगा, यह लड़ाई अधूरी रहेगी।

 

ओसामा को इसी विचारधारा नें जन्म दिया था, इसके मरने के बाद और ओसामा पैदा हो जायेंगे, जो हो सकता है कि पहले वाले ओसामा से अधिक खतरनाक सिद्ध हो जायें। ओसामा की मौत के बाद सारी दुनिया में रेड एलर्ट घोषित होना इस भय की ओर स्पष्ट रूप से संकेत करता है। इसलिये अभी जश्न का नहीं जिहादी आतंकवाद की विचारधारा को जड़ से समाप्त करने का संकल्प लेने की आवश्यक्ता है। यह लडाई इस्लाम के खिलाफ नही है, इसकी सफाई देना इस लड़ाई को कमजोर कर सकता है। आतंकवाद के विरूद्ध लड़ाई इस्लाम के खिलाफ है या नहीं, इसका फैसला इस्लामिक जगत को करने दीजिये। यह लड़ाई केवल सैन्य लड़ाई नहीं, वैचारिक लड़ाई भी है, जिसमें यह सिद्ध करना होगा कि जिहाद के नाम पर मासूमों का रक्तपात करने वालों को अब किसी भी कारण से माफ नहीं किया जा सकता है। यह तथ्य स्थापित होने के बाद ही मानवता चैन से सांस ले सकेगी।

 

यह तथ्य सब जानते हैं कि ओसामा अमेरिका द्वारा पैदा किया भस्मासुर ही था जिसको रूस के विरुद्ध प्रयोग करने के लिये जन्म दिया गया था। अमेरिका का वही मानस पुत्र, बाद में उसी के लिये अभिशाप बन गया। इस लड़ाई में यह दोगलापन सबके लिये खतरनाक बन सकता है; चाहे वह अमेरिका जैसा शक्तिशाली देश ही क्यों न हो। आतंकवाद दोधारी तलवार है जो चलाने वाले को भी काट सकती है। भारत में पंजाब तथा लिट्टे के आतंकवाद को प्रश्रय देने वाले उसके ही शिकार बने, यह तथ्य किसी से छिपा नहीं है। आज पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद को अमेरिका महत्व नहीं दे रहा। कई बार वह उसको बढ़ावा देता हुआ भी दिखाई देता है। भारत के बार-बार चेताने पर भी वह भारत को ही नसीहत देता है।

 

इसका परिणाम सामने आ चुका है। अमेरिका की सहायता पर जिन्दा पाकिस्तान ने ही लादेन को छिपाया था, यह तथ्य अब सामने आ चुका है। अमेरिका द्वारा यह सोचना कि पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद उसको नुकसान नहीं पहुंचा सकता, किसी परिपक्व सोच का उदाहरण नहीं है, अब यह स्थापित हो चुका है। इसलिये अब अमेरिका सहित सम्पूर्ण विश्व को आतंकवाद के विरुद्ध लामबंद होना पडे़गा और उसे जड़मूल से समाप्त करने का संकल्प लेना होगा, तभी इस रक्तबीज से मुक्ति पायी जा सकती है।

 

लादेन की मौत के बाद भारत के गृहमंत्री श्री चिदम्बरम ने त्वरित प्रतिक्रिया दी, “अब यह सिद्ध हो गया है कि पाकिस्तान आतंकवादियों का अड्डा बन चुका है।” यह सर्वविदित तथ्य है। परन्तु भारत को आतंवादियों का अभयारण्य किसने बनाया? यहां आतंकवादी न केवल प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं; अपितु उनको संरक्षण भी मिल रहा है। यहां पर आतंकवादियों को संरक्षण देने वाले पुरस्कृत किये जाते हैं और उनके खिलाफ लड़ने वालों या आवाज उठाने वालों को दंडित करने के लिये सारी सेकुलर बिरादरी एड़ी-चोटी का जोर लगा देती है। इशरत जहां का आतंकियों के साथ क्या संबंध था? यह सभी जानते हैं। परन्तु उसकी मौत को नकली मुठभेड़ सिद्ध करने के लिये यह बिरादरी क्या नहीं कर रही है। क्या यह प्रश्न लादेन की मौत के बाद अमेरिका में उठा है कि बीमार लादेन की मौत एक नकली मुठभेड़ है? यदि लादेन को मारने का साहस किसी भारतीय नें किया होता तो उसे सम्मानित करने की जगह उसे इतना प्रताडि़त किया जाता कि या तो वह जेल में होता या आत्महत्या कर चुका होता, जैसा कि पंजाब व कश्मीर में हो चुका है।

 

अमेरिका ही नहीं सम्पूर्ण विश्व नें इस काम को अंजाम देने वालों को बधाई दी है और भविष्य में उन्हें अवश्य ही सम्मानित भी किया जायेगा। भारत की सेकुलर बिरादरी को आत्मचिंतन करना चाहिये कि वे आतंकियों के साथ क्यों खडे़ हो जाते हैं? मुस्लिम समाज के तरफदार दीखने की कोशिश में वे उनको कहां ले जा रहे हैं? लादेन की मौत के बाद भारत में रैडएलर्ट क्यों घोषित किया गया? क्या भारत के गृह मंत्री को लगता है कि लादेन की मौत के बाद भारत का मुसलमान विपरीत प्रतिक्रिया दे सकता है, जबकि लादेन नें भारत को भी अपना दुश्मन घोषित किया हुआ था? यह प्रश्न रामबिलास पासवान जैसे राजनीतिज्ञ से अवश्य पूछना चाहिये, जिसने बिहार के चुनाव में मुस्लिम वोटों को आकर्षित करने के लिये लादेन के हमशक्ल को अपने साथ रखा था। क्या ये लोग भारत के मुस्लिम समाज को लादेन के साथ जोड़ने का वही महापाप नहीं कर रहे हैं जो इन्होंनें रामजन्मभूमि के मामले में इनको बाबर के साथ जोड़ कर किया था?

 

लादेन की मौत से यह बात स्पष्ट हो गई है कि इनको इस तरह ही खत्म किया जा सकता है। अब भारत कसाब और अफजल गुरू को कब तक बचा कर रखेगा? आखिरकार कब वे दाउद को खत्म करने के लिये अमेरिका जैसा साहस दिखायेंगे? क्या ये अब भी पाकिस्तान से अपेक्षा करते हैं कि वह भारत के अपराधियों को भारत के हवाले करेगा? जिस देश नें अपने सरपरस्त अमेरिका को ही धोखा दिया है, वह इन अपराधियों को भारत को कैसे सौंपेगा? अब पाकिस्तान को सबूत नहीं सबक चाहिये, तभी भारत अपने अपराधियों को सजा दे सकेगा और देश से आतंकवाद को समाप्त किया जा सकेगा।

 

1 COMMENT

  1. ******|| OMSAIOM || *”THE SUPER POWER STATION OF THE UNIVERSE”*****************
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    OSAMA IS FIRST TERRIAST WHO HAVE BEEN KILLAED IN PAKISTAN, NOW 74.99LACS ARE STILL TO BE KILLED WHO COMFERTABALLY LIVING IN AMERICA-5%, CHINA 5%,ENGLAND 5%,RASSIA 5%,INDIA 15% NEPAL 5% AFGANISTAN 10%, BANGLADESH 15% AND PAKISTAN 35% LIKE OSAMA WAS LIVING IN PAKISTAN WITH FAMILY UNDER SHELTER OF PAKISTAN’S CORRUPT LEADERS,MINISTERS AND OFFICERS
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    ALL THESE 74.99 LACS TERRIST ARE PET WILD ANIMAL OF CORRUPT LEAERS,MINISTERS AND OFFICERS .
    SOME COUNTRIES LIKE INDIA,THE CORRUPT LEADERS ARE GIVING SHELTER TO TERRISTS ONLY FOR MUSLIM VOTES .THE TERRISM CAN NOT BE REMOVED TILL THE CORRUPTION IS AVAILABLE IN HUMAN SOCIETY OF THE WORLD.
    BECAUSE…….”CORRUPTION IS THE FATHER OF SOCIAL INJUSTICE AND SOCIAL INJUSTICE IS THE FATHER OF TERRISM”
    KINDLY CONVEY THIS MESSAGE TO USA PRESIDENT MR.OBAMA-WHO IS THE CONTRACTOR OF HUMANITY IN THE WORLD………WHEN A AMIRICAN KILLED IN TERRIST ATTACK, HE ORDER TO MILITERY ENTER INTO AFGANISTAN AND PAKISTAN AND WHEN THOUSANDS OF INDIAN KILLES BY PAKISTANI TERRIST HE ADVISE TO ERIENDSHIP………..WHY? BECAUSE HE KNOW THAT INDIAN CORRUPT LEADERS ARE FOR SALE ANY WHERE IN THE WORLD. AMERICA GIVEN THE SUPORT TO PAKISTAN FOR GROWTH AND DEVOLOPMENT OF TERRISM.
    I HOPE MR. OBAMA TRY TO UNDERSTAD THESE FACTS AND WILL ACT FOR REMOVAL OF TERRISM FROM WORLD MAP……I HPOE SO…………

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