राहुल का हिन्दू विरोधी बयान

सुरेश हिन्दुस्थानी
कहते हैं आघातों से दुनिया का हर समझदार व्यक्ति सबक लेता है, और लेना भी चाहिए। जो सबक लेता है वही समझदार व्यक्ति की श्रेणी में समझा जाता है, लेकिन जो सबक न लेते हुए एक ही प्रकार की गलती बार बार करता है, उसे नादान कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। कांगे्रस नेता राहुल गांधी ने संभवत: ऐसा ही कृत्य किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि जो लोग मंदिर जाते हैं, देवी देवताओं की पूजा करते हैं, वे ही लोग बसों में आपके साथ छेड़छाड़ करते हैं। अब सवाल इस बात का आता है कि राहुल गांधी ने मंदिर शब्द का प्रयोग क्यों किया, इसके पीछे एक ही बात छिपी हुई दिखाई है कि मंदिर में केवल और केवल हिन्दू ही जाता है, कुछ नहीं सारा हिन्दू समाज ही मंदिर जाता है।
राहुल गांधी का यह बयान निश्चित रूप से सम्पूर्ण हिन्दू समाज का अपमान है। जबकि पिछले कई दिनों से उत्तरप्रदेश से जो दुष्कर्म के समाचार आ रहे हैं उसमें अधिकांश रूप से मुसलमान युवक शामिल रहे हैं, यह बात कई बार प्रमाणित भी हो चुकी है, लेकिन राहुल ने इनके बारे में आज तक कोई टिप्पणी नहीं की। लव जेहाद के नाम पर मुसलमान युवक हिन्दू युवतियों को अपने जाल में फंसाकर उसके साथ दिल दहला देने वाले कारनामों को अंजाम देते हैं। इनमें से कई लड़कियों को विदेश में बेचने की भी खबर मिलती रहती है। राहुल गांधी का हिन्दुओं को अपराधी साबित करने वाला बयान निश्चित ही उस वीभत्स सत्य पर परदा डालने जैसा है, जिसको आज सारा देश भोग रहा है। राहुल गांधी के बारे में नासमझी की बात तो कई बार उजागर हो चुकी है, लेकिन अब यह बात भी सामने आने लगी है कि उनके मानस में केवल हिन्दू विरोध की बातें ही समाई हैं। मुसलमानों के प्रति तुष्टीकरण का भाव लेकर राजनीति करने वाले राहुल आज पूरी तरह से मुसलमानों के हमदर्द बनने की ओर अग्रसर हैं। मुजफ्फरनगर के दंगों से यह प्रमाणित भी हो चुका है, उल्लेखनीय है कि इन दंगों में कांगे्रस की पूरी फौज सोनिया और राहुल के संकेत पर केवल मुसलमानों से ही मिले, उन्हें कोई हिन्दू दिखाई नहीं दिया, जबकि सत्य यह है कि मुजफ्फरनगर में सर्वाधिक नुकसान हिन्दू समाज का ही हुआ। मुजफ्फरनगर की घटना के बारे में अब तो सब जान चुके हैं कि मुस्लिम युवक सरेआम हिन्दू युवतियों को छेड़ते थे, परेशान हिन्दू समाज ने एक बार जब घटना का प्रतिकार कर दिया तो मुसलमानों ने एक जुट होकर हिन्दू परिवारों को निशाना बनाया और व्यापारिक प्रतिष्ठान नष्ट कर दिए।
आज राहुल की इस बयानबाजी को लेकर सभी हतप्रभ हैं। कांगे्रस उपाध्यक्ष के बारे में कांगे्रस के ही कई नेता कह चुके हैं कि उन्हें भाषण देने की कला नहीं आती, फिर भी उन्हें कांगे्रस के धुरंधरों के बीच भाषण देने के लिए खड़ा करना निश्चित ही समझदार नेताओं पर थोपने जैसा कृत्य ही है। वर्तमान में कांगे्रस के कई नेता इस बात को भली भांति जानते हैं कि पार्टी में राहुल से ज्यादा और प्रासंगिक प्रतिक्रिया देने वाले कई नेता मौजूद हैं, लेकिन उन्हें केवल इसलिए दरकिनार कर दिया जाता है क्योंकि उनके नाम में गांधी शब्द नहीं लगा है।
कांगे्रस के नेताओं की वर्तमान में जो हालत है उसे देखकर सहसा ही यह कहा जा सकता है कि जैसे किसी राजा को सड़क पर खड़ा कर दिया हो। सरकारी सुख सुविधाओं के आदी हो चुके कांगे्रसी नेताओं को आज भी इस बात का भान नहीं हो पा रहा है कि हमारी बुरी तरह से पराजय हो चुकी है। वह आज भी ऐसे बयान देते हैं कि सरकारी सुविधाओं पर केवल इनका ही हक है। राहुल ने जिस प्रकार से हिन्दू विरोधी बयान दिया है, क्या वैसा ही बयान वह किसी मुसलमान के बारे में दे सकते हैं? कदाचित नहीं। क्योंकि उन्हें मुसलमानों के वोट चाहिए, जबकि यह सर्वज्ञात है कि लव जेहाद के नाम पर मुस्लिम युवा हिन्दू लड़कियों को सरेआम छेड़ते हैं। इसी प्रकार ईसाई संगठनों द्वारा संचालित कई विद्यालयों में इस प्रकार के कुकृत्य के समाचार पढऩे को दिखाई देते हैं, लेकिन समाचार माध्यमों द्वारा इनकी खबरों को कभी प्रमुखता के साथ प्रसारित नहीं करने से ये समाचार समाज के बीच नहीं पहुंच पाते।

2 COMMENTS

  1. राहुल साहिब हिन्दुओं के ही विरुद्ध टिप्पणि इस लिये किया करते हैं क्योंकि वह नाम से ही हिन्दु दिखाई पड़ते हैं। हैं नहीं। उनका नाम मात्र ही हिन्दु सरीखा है। वह हिन्दु नहीं हैं और न ही है उनका परिवार। यह एक वास्तविकता है कि वे सभी विधिवत् दीक्षित रोमन कैथौलिक ईसायी हैं।

    तब मुसलमान तो उनके आधे धर्मभाई हुए न। फिर क्योंकर कर सकते हैं वह उनके विरूद्ध किसी भी प्रकार की कोई टिप्पणि?

    डा० रणजीत सिंह (यू०के०)

  2. राहुल जैसे नासमझ , मूर्ख नेता से कोई क्या उम्मीद कर सकता है ? छोटे से छोटा नेता इस बात को जनता समझता है कि ऐसे बयान का क्या अंजाम होता है , देना नहीं चाहिए पर राहुल को कुछ तो यह गुमान है कि कांग्रेस में उससे ज्यादा कोई योग्य नेता नहीं, दुसरे अगर हिन्दू नाराज भी हो जाएँ तो कोई क्योंकि मुस्लमान तो उनके अपने है ही वैसे भी ये कांग्रेसी अब वापिस सत्ता पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं मुसलमानों को खुश रखने के लिए वे हिन्दुओं पर कोई भी जुल्म ढा सकते हैं राहुल करें भी क्यों न ? क्योंकि कांग्रेस में कोई स्वाभिमानी व्यक्ति है ही नहीं सब चापलूस , व नपुसंक प्रवर्ति के लोह ही रह गएँ हैं , जिनका काम केवल हाँ में हाँ मिलाना रह गया है

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