देश की रीढ़ बनी ये रेल,
आख़िर क्यों हो रही है फेल ?
जाने कैसे हो गई बीमार
हो रही हादसे का शिकार ।
कभी एक दूसरे से टकराना,
कभी पटरा से नाचे उतर जाना।
असुविधा भरा हो रहा सफर,
यात्रियों को सताता असुरक्षा का डर।
ऐसे गम्भीर मुद्दे पर राजनीति न खेलें,
राजनीति की इस चोट को आम आदमी झेले।
किसकी लापरवाही है ये किसकी ज़िम्मेदारी है,
बढ़ते ट्रेन हादसों पर रोक लगाना ज़रूरी है।
बाते करने से नहीं कुछ कर दिखाने से होगा,
इसकी हालत ऐसी है तो बुलेट ट्रेन का क्या होगा।
मुसाफ़िरों की जिंदगी से न खेलो ऐसा खेल,
देश की रीढ़ बनी ये रेल,
आख़िर क्यों हो रही है फेल ?
रेल पर बिल्कुल सटीक बात कही है
सही कह रहे हो….रेल के फेल होने पर ध्यान देने की जरुरत है और कारगर उपाय करने का धरातलीय उपाय करना ही चाहिये