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रामचरितमानस में लोक मंगल की कामना - राजीव मिश्र - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
राम की कथा गोस्वामी तुलसीदास से पहले देववाणी संस्कृत में ही लिखीर् गई थी और जन साधारण के लिए यह केवल 'श्रवणीय' थी क्योंकि वह भाषा जिसमें रामकथा लिखि गयी थी, उसके लिए सहज ग्राह्य नहीं थी और भाषा की क्लिष्टता के कारण उसकी पठनीयता बाधित थी। बड़े ही साहस…