उलटफेर का विंबलडन

 

रवि कुमार “छवि ”

साल 2013 के तीसरे ग्रैंड स्लैम के प्रतिष्ठित विंबलडन में इस बार टेनिस प्रेमियों को सकते में डाल दिया जिसकी वजह बना इस बार का उलटफेर.. इस विंबलडन को हमेशा याद रखा जाएगा इसलिए नहीं कि इसने वाहवाही लूटी बल्कि इसलिए कि इस बार दिग्गजों को मुंह की खानी पड़ी वो भी अपने से कई निचली रैंकिग के खिलाड़ियों से.

सबसे पहले बात करते हैं राफेल नडाल की. 12 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता और लाल बजरी के बादशाह राफेल नडाल को एक अनजाने खिलाड़ी से हार का सामना करना पड़ा.. राफेल को बेल्जियम के 135वें नबंर के खिलाड़ी स्टीन डार्सिस ने हराकर सनसनी फैलाई जिसके कारण नडाल विंबडलन के पहले ही दौर से बाहर हो गए.. उलटफेर का सिलसिला सिर्फ यही थमा और जर्मनी की 23 वीं रैंकिग प्राप्त सबीन लिसिकी ने 16 बार की ग्रैंड स्लैम विजेता सेरेना विलियम्स को मात देकर विंबलडन में एक नया अध्याय लिख दिया.. ये विंबलडन में हुए अब तक के सबसे बड़े उलटफेर में से एक था.. लेकिन अब भी विंबलडन को अपने सबसे बड़े उलटफेर का इंतजार था. इस विंबलडन में अब तक सबसे बड़ा उलटफेर किया यूक्रेन के 116 वीं वरीयता प्राप्त सर्गेई कोवस्की ने. कोवस्की ने विबंडलन के विश्व रिकार्ड धारी रोडर फेडरर को हरा कर टेनिस इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में अपना नाम दर्ज करवा लिया.. गौरतलब हैं कि रोडर फेडरर के नाम रिकार्ड 17 ग्रैंड स्लैम खिताब हैं. सिर्फ यही नहीं विबंडलन के ग्रास कोर्ट के उनके दबदबे का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता हैं कि उनके नाम सात विबंलडन खिताब भी हैं… वाकई, में ये एक नई शुरूआत थी जिसने इस खेल को और भी रोमांचक बना दिया. इन खिलाड़ियों के अलावा लेटन हेविट, मारिया शारापोवा, अन्ना इवानोविच और सारा ईरानी ऐसे खिलाड़ी रहे जिन्हें इस बार खिताब से महरूम होना पड़ा.. दूसरी वजह बना खिलाड़ियों चोटिल होना. दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट विंबलडन के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि सात खिलाड़ियों को चोट लगने के कारण प्रतियोगिता के दूसरे दौर से ही हटना पड़ा कई खिलाड़ियों ने माना था कि कोर्ट अच्छी स्थिति में नहीं था.. हालाकिं ऑल इंग्लैंड लॉन टेनिस एंड कॉर्केट क्लब ने एक बयान में कहा है, था कि ”कोर्ट की तैयारियों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. और जहाँ तक हमें जानकारी है ग्रास कोर्ट शानदार स्थिति में हैं. दरअसल ये पिछले साल के मुक़ाबले ज़्यादा सूखे हुए हैं.” जो भी हो एक बात तो सामने आती हैं कि कहीं न कहीं कुछ तो कमी रही जिससे इस बार का यह विंबलडन सुर्खियों में रहा..

जाते-जाते इस विबंलडन को और भी यादगार बनाया ब्रिटेन के एंडी मरे ने जिन्होंने 77 सालों के सूखे को खत्म किया.. वे फ्रेड पेरी के बाद विबंलडन जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने.. पेरी ने 1936 में विंबलडन का पुरूष एकल का खिताब जीता था..

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