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धर्म, जुर्म, व्‍यापार
आर. सिंह ऐसे तो धर्म की आड़ में व्यापार हमेशा होता आया है,अतः यह कोई नयी बात नहीं,पर यहाँ तो धर्म की आड़ में जुर्म हुआ है, अतःइसका शीर्षक होना चाहिये था धर्म और जुर्म.आज मेरे सामने दो समाचार हैं. दोनों धर्म की आड़ में जुर्म से संबंधित हैं. पहला समाचार…