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रियो पैरालंपिक : उम्मीदों का नया ठिकाना - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
वर्ष 1948 में व्हीलचेयर के साथ शुरू हुई पैरालंपिक प्रतियोगिता समय के घूमते पहिए (व्हील) के साथ आधुनिकता के नये पैमाने गढ़ता दिख रहा है। विश्वयुद्ध के पश्चात् घायल सैनिकों को ढ़ाढ़स दिलाने की परिकल्पना का साकार मूर्त है पैरालंपिक... जो आज अपने वर्चस्व पर है। शारीरिक तौर पर अक्षम…