रोल मॉडल

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-भगवंत अनमोल-   young-generation

यह बात लगभग सभी को पता है कि किसी भी देश का भविष्य युवा निर्धारित करते हैं और युवा देश के रोल मॉडल्स को देख कर उनसे प्रेरणा लेते हैं। फिर वे उनके जैसा बनने का सपना लेकर देश की सेवा करने और खुद के भविष्य का निर्माण करने का संकल्प लेते हैं. यही कारण है कि भारतीय क्रिकेट टीम में अधिक से अधिक बल्लेबाज आते हैं, क्योंकि वो सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, युवराज सिंह और वीरेंदर सहवाग को देखकर उनके जैसा बनने की प्रेरणा लेकर आगे बढ़ते है। जबकि पाकिस्तान में अधिकतर गेंदबाज जन्म लेते हैं क्योंकि वो इमरान खान, वसीम अकरम, वकार युनुस को देखकर बड़े होते हैं. पहले देश में विवेकानंद, गांधी जी, नेहरु जी, भगत सिंह, आर्य भट्ट जैसे रोल मॉडल थे जिनको देखकर आज अन्ना जी, केजरीवाल जी, अब्दुल कलाम जी का जन्म हुआ.

अभी कुछ दिनों पहले मेरी मुलाक़ात एक लड़के से हुई. कुछ देर बात चीत का सिलसिला जारी रहा फिर उससे मैं ऐसे ही पूछ बैठा “आप क्या बनना चाहते हैं? “इसके जवाब में उसने बिना देर लगाये जवाब दिया ” हनी सिंह की तरह गायक ” मुझे आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि आजकल हनी सिंह के चाहने वाले काफी दिखने को मिल जाते हैं. खैर, मैंने उससे अगला प्रश्न कर दिया ” आप हनी सिंह की तरह क्यों बनना चाहते हैं ?” उसने बड़ी ही विनम्रता से जवाब दिया ” हनी सिंह का इतना नाम है, मैं भी चाहता हूं कि मेरा भी नाम हनी सिंह की तरह हो” यह सुनकर मैं प्रसन्न हो गया और मैंने न जाने क्यों उससे अगला प्रश्न कर बैठा ” आपको हनी सिंह क्यों अच्छे लगते हैं ?” उसने तुरंत जवाब दिया “क्योंकि वो लड़कियों को उनकी औकात, अपने पैरों पर रखता है.”

यह सुनकर मैं हैरान हो गया। मुझे अब समझ आया कि आखिर देश में लड़कियों कि दशा क्यों सुधरे जब देश के रोल मॉडल ही ऐसे हैं. हद तो तब हो गयी जब आस्था के प्रतीक, लाखों लोगों के गुरु या कहे रोल मॉडल आशाराम जी जब ऐसे घिनौने काम कर सकता है तो आज का युवा उनसे क्या सीख लेगा? आज का युवा की मानसिकता पर क्या प्रभाव पड़ेगा? अब आप ही बताईये जिस देश में ऐसे आसाराम, हनी सिंह और सनी लीओन जैसे रोल मॉडल होंगे, उस देश में लड़कियों की दशा और लड़कों की मानसिकता कैसे सुधर सकती है?

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