प्रवक्ता डॉट कॉम पर भाजपा नेता व सामाजिक कार्यकर्ता अनुश्री देवी ने 11 जनवरी 2017 को नेताजी की ‘’आखिरी स्क्रिप्ट है ये कलह’’ शीर्षक से एक लेख लिखा था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि समाजवादी पार्टी में घमासान स्क्रिप्टेड है। आखिर वो बात सही निकली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी की पहली बैठक शांतिपूर्वक हुई। राजधानी लखनऊ में स्थित पार्टी मुख्यालय के सभागार में 104 दिन के बाद एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवापाल यादव एक साथ दिखे। बैठक में पार्टी के सभी नवनिर्वाचित 47 विधायक मौजूद थे। जसवंत नगर से समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल यादव बैठक के दौरान खामोश ही रहे। हालांकि वह कुछ विधायकों के साथ कुछ बातचीत करते दिखे। बता दें कि अखिलेश ने खुद को एसपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया था और शिवपाल को पहले मंत्री पद और फिर पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख पद से हटा दिया था। इस घटनाक्रम के बाद दोनों कभी एक साथ नहीं दिखे थे। बैठक में पार्टी विधायकों ने हाल के चुनावी नतीजों पर मंथन किया। अधिकांश नेताओं ने मीडिया की एसपी के प्रति नेगेटिव रिपोर्टिंग और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से कथित छेड़छाड़ को हार की वजह बताया। अखिलेश 25 मार्च को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान करेंगे। सवाल है कि क्यासच में कुर्सी पाने के लि्ए समाजवादी पार्टी का यह कुनबा इतना बड़ा ढोंग कर सकता है (जो सफल नहीं हुआ)।