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व्यंग्य:अबके पूरे छह हजार! - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
हालांकि उनके आजकल रमजान के रोजे चले हैं। बंदे हैं कि दिनभर पानी भी नहीं लेते तो नहीं लेते। अच्छी बात है, इसी बहाने हमारे मुहल्ले के नलकों का पानी भरी बरसात में तो बच रहा है! नहीं तो भर बरसात में नल के पास होने वाली लड़ार्इ में न…