व्यंग्य कविता : मजाक

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netaji  मिलन सिन्हा

मजाक

मंत्री जी ने कहा,

“पांच वर्ष के बाद देश में

कोई भी अनपढ़ नहीं रहेगा।”

अगर सचमुच ऐसा हो पाया

तो सारा देश

उनका आभारी रहेगा।

पर, फिलहाल तो

हमारे अनेक नेताओं /शिक्षकों को

फिर से पढ़ना पड़ेगा,

‘ कुपढ़ ‘ नहीं,

वाकई शिक्षित होना पड़ेगा।

क्यों कि,

शिक्षा को उन्होंने ही

मजाक  बनाया है,

देश में  कुपढ़ों की संख्या को

बहुत  बढ़ाया  है।

सच मानिए,

‘ कुपढ़ ‘ होने से तो अच्छा  है

अनपढ़ रह जाना,

सिर्फ भाषण देकर नहीं

खुद कमाकर दो रोटी खाना,

दूसरों का हक़ मार कर नहीं,

अपने हक़ का इज्जत पाना,

सही मायने में

आदमी बन पाना ! 

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