रेखा साव की कविता / हिन्दी - प्रवक्ता.कॉम - Pravakta.Com
शब्द शब्द संवेदना अक्षर अक्षर प्यार . हर सुख से संपन्न है हिन्दी का संसार . जिनकी रोटी पर लिखा है हिन्दी का नाम. हिन्दी उनके वास्ते शबद एक वे दाम. हिन्दी तो छोड़ी मगर बन न सके अंगरेज. एक मुखौटा ओढ़्कर क्योंकर रहे सहेज. मीरा केशव जायसी तुलसी सूर…