एसबीआई में बंद हुआ नकद जमा काउंटर

sbiडा. राधेश्याम द्विवेदी
उपभोक्ताओं को कतारों से छुटकारा भी नहीं:-
रिजर्व बैंक सभी नकद जमा करने वाली मशीनों को राष्ट्रीय वित्तीय स्विच एनएफएस से जोड़ने पर विचार कर रहा है। इससे सभी मशीनों का परस्पर संबंध हो सकेगा और ग्राहक किसी भी बैंक की मशीन से अपने बैंक खाते में पैसा जमा कर सकेंगे। एटीएम पहले से एनएफएस का हिस्सा हैं और अब नेशनल पेमैंट कॉर्पोरेशन एनपीसीआई से सभी नकद जमा करने वाली मशीनों को एनएफएस से जोडऩे का प्रस्ताव है। इससे बैंक ग्राहकों को किसी भी बैंक की मशीन से अपने खातों में पैसा डालने की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा दिन प्रतिदिन के लेन-देन के लिए वैकल्पिक बैंकिंग चैनलों को प्रोत्साहन देने का विचार है। भारतीय स्टेट बैंक की आगरा शाखा में नकद जमा काउंटर बंद कर दिया गया है। बैंक अफसरों ने कर्मचारियों की कमी के चलते यह निर्णय लिया है। इससे अब खातेदारों को मजबूरी में कैश डिपॉजिट मशीन में ही रुपये जमा करने होंगे। शहर की भारतीय स्टेट बैंक आगरा शाखा में अधिक खाताधारक हैं। इसलिए प्रतिदिन बैंक में रुपये निकालने और जमा करने के लिए भारी भीड़ उमड़ती है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैंक अधिकारियों ने जमा और निकासी के लिए काउंटर खोल रखे थे। इससे ग्राहकों को लेन-देन करने में आसानी होती थी। बीते माह शाखा में कैश डिपॉजिट मशीन लगाई गई। मशीन में आ रही तकनीकी बाधा से बचने के लिए ग्राहक मशीन के बजाय सीधे काउंटर पर रुपये जमा करना पसंद करते थे।
इस मशीन के लगने के बाद इससे लोग चौबीस घंटे नगद राशि खातों में जमा कर पाएंगे। एक बार में अधिकतम राशि 49 हजार 9 सौ रुपए ही जमा किया जा सकेगा। इस मशीन से न्यूनतम सौ रुपए नगद राशि खाते में जमा की जा सकती है। इस मशीन से एटीएम कार्ड से भी राशि खाते में जमा की जा सकती है। मशीन के लगने के बाद काउंटर पर ग्राहकों का दबाव कम होने की आशा व्यक्त की जा रही है। किसी भी समय पैसा जमा करने की सुविधा होने से खासकर व्यापारी वर्ग देर सबेर भी अपनी रकम खाते में जमा कर सकेंगें। इससे पूर्व एसबीआई ने स्वयं द्वारा पासबुक अपडेट प्रिंट करने की सुविधा भी प्रारंभ की गई थी जिसका भी लाभ ग्राहक निरंतर उठा रहे है। स्टेट बैंक से जुड़े उपभोक्ता अब बिना बैंक जाए सीडीएम मशीन से बैंकिंग लेन देन कर सकेंगे।
इस सुविधा से उपभोक्ताओं को बैंक में नकद राशि जमा करवाने के लिए अब लाइन में लगने की आवश्यकता नहीं रहेगी। इस मशीन में पैसे जमा करने की भी एक नई तकनीक को जोड़ा गया है। सीडीएम मशीन को शाखा में एटीएम के स्थान पर स्थापित किया गया है। अब ये मशीन उपभोक्ताओं को नगद राशि उपलब्ध करवाने के साथ नगद जमा भी करेगी। इस मशीन के माध्यम से उपभोक्ता बिना बैंक जाए ही एक दिन में 49 हजार रुपए की नकदी जमा करवा सकता है। जिससे उपभोक्ताओं को लम्बी कतारों से छुटकारा मिलेगा। इसके अलावा इस मशीन से रुपए निकलवाने की सुविधा दी गई है।
परम्परागत लोगों को असुविधायें बढ़ गयी:-
अब खाते में पैसा जमा करना आसान नहीं रहा है। एटीएम की भंति इस मशीन में रूपये जमा करने में ग्रामीण तथा मजदूर वर्ग को बहुत ही असुविधा भी होती है। यह मशीन एक बार में रूपये जमा नहीं करती है। कई बार वह पैसे वापस फेंक देती है। इस मशीन से रूपया जमा करने पर न्यूनतम 25 रूपये भी खाते से कट जाते है। कई बार जमा करने पर हर बार 25 -25 रूपये कटते जाते हैं।
भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी ने जीरो वैलेंस के साथ खाता ‘जन धन योजना’ में खोलवाया है। अब बैंक उसे संभाल नहीं पा रहे हैं और जनता से सेवा शुल्क लेकर प्रत्यान्तर में आम नागरिक को शासन की नीतियों के विरूद्ध जन चेतना बना रहे हैं। अनेक बार रूपये मशीन में ही फंस जाते हैं उसे त्वरित रूप में निकालकर खातेदार के खाते में जमा नाकर एक हफते तक उसका सुख चैन छीन लिया जाता है। खातेदार वैंक के चक्कर लगाता रहता है।
‘हैप्पी रूम’ नामक शिकायत का एक नंम्बर 8008202020 भी है। इसें बैंक या मशीन के आसपास कहीं डिसप्ले नहीं किया गया हैं। कम जानकार जब भागदौड़कर थक जाता हैं तो वह किसी जानकार की मदद से इस नम्बर पर एसएमएस करवाता हैं। वहां से उसे एक इन्डेक्स नम्बर भी दे दिया जाता है। इस पर भी समय पर सुनवाई नहीं हो पाती है। कभी किसी की किस्मत अच्छी रही तो समय पर काम हो गया नहीं यह नम्बर भी एक दिखावटी रह जाता है। बैंकिग की यह व्यवस्था जितना सरकार आसान मानती हैं कर्मचरी उसे उतना आसान नहीं होने देते हैं। सरकार को एकाएक कोई व्यवस्था बदलनी नहीं चाहिए, बल्कि धीरे धीरे जन जागरूकता करने के बाद चरणबद्धरूप में बदलनी चाहिए। इससे जनता धीरे धीरे सीख जाएगी और वह नयी तकनीकि अपनाने लगेगी। जिसका मशीन से काम ना हो सके उसके लिए मैनुवल व्यवस्था जारी रखना चाहिए।

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