पत्रकार शैलेंद्र चौहान को ”अमरावती सृजन पुरस्कार’’-2015

Amaravati Srijan Puraskarहिंदी के प्रख्यात लेखक, पत्रकार शैलेंद्र चौहान को ”अमरावती सृजन पुरस्कार’’-2015 तथा समाज सेवी रतिराम शर्मा एवं आर.के. गोयल को ”अमरावती-रघुवीर सामाजिक-सांस्कृतिक उन्नयन सम्मान’’
सिलीगुड़ी से प्रकाशित पूर्वोत्तर भारत की एकमात्र चर्चित हिंदी मासिक पत्रिका ‘आपका तिस्ता-हिमालय’ द्बारा 28 फरवरी कोे शहर के बर्द्धवान रोड स्थित ऋषि भवन में अमरावती सृजन पुरस्कार एवं सम्मान समारोह का आयोजन सम्पन्न हुआ जिसमें शहर के अलावा बाहर से आये लेखक कवियों ने भागीदारी की। ‘आपका तिस्ता-हिमालय’ के प्रधान संपादक डॉ. राजेंद्र प्रसाद सिंह ने अमरावती सृजन-पुरस्कार व सम्मानों की भूमिका रखते हुए देश में पुरस्कार वितरण के बारे में कहा कि पूर्वोत्तर की एक मात्र हिंदी मासिक पत्रिका आपका तिस्ता-हिमालय की ओर से दिये जा रहे इन पुरस्कार एवं सम्मानों के बारे में हम यहां साफतौर बताना आवश्यक समझते हैं कि यह पहल हमने विशेष प्रयोजन से शुरू की है। आप जानते हैं कि आजकल पुरस्कार व सम्मान देने का एक मंतव्य प्रेरित चलन प्रारंभ हुआ है। सत्ता एवं पूंजी के भ्रमजाल तथा प्रायोजित सम्मानों के बरक्स तिस्ता-हिमालय द्बारा दिये जा रहे ये सम्मान इससे बिल्कुल इतर जन-सामाजिक सरोकारों तथा जन-संघर्ष के लिए प्रतिबद्ध साहित्यकर्मी एवं नागरिक दायित्व के निष्ठापूर्ण निर्वाहन के लिए हैं जिसे हम बखूबी कर पा रहे हैं। ऐसे सम्मान उन्हीं लोगों को दिया जाना चाहिए जो देश व समाज की बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी व उत्तर बंगाल ने उन्हें एक मजबूत जमीन दी और भरपूर प्यार दिया जिसका वे ऋण इस सम्मान के जरिए चुका रहे हैं।
इस समारोह में कवि व समालोचक देवेंद्रनाथ शुक्ल ने शैलेंद्र चौहान का परिचय देते हुए कहा शैलेन्द्र चौहान धरती के लेखक हैं। उनका पहला संकलन ‘नौ रुपये बीस पैसे के लिए’ का नामकरण 80 के दशक में जहां वह सेवारत थे वहां एक बिजली मजदूर की न्यूनतम सरकारी मजदूरी थी के ऊपर लिखी गयी। शैलेंद्र का यह काव्य संकलन यूटोपिया और व्यवहारिकता के अन्तर्संघात से उत्पन्न कुछ दृश्य-अदृश्य बिम्बों और जटिलताओं से मुठभेड़ करता है।
शैलेन्द्र चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि पत्रकारिता एवं सृजनशील साहित्य की रचना में अनेकों अन्य लोग भी सक्रिय हैं। यह सम्मान दरअसल उन्हें मिलना चाहिए था। लेकिन वे विनम्रतापूर्वक इस सम्मान को स्वीकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लेखक व पत्रकारों को समाज व राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्ध रहते हुए गरीब व वंचित वर्ग के हित में रचनाधर्मिता का दायित्व निभाना चाहिए। मुनाफाखोरी की तेजी से बढ़ रही प्रवृत्ति के बीच समाज का जिस तेजी से
ध्रुवीकरण हो रहा है वह चिंतनीय है। हमारी सहनशील संस्कृति की राष्ट्रीय पहचान आज कठिन परीक्षा की घड़ी से गुजर रही है। हमें सामुदायिक सरोकारों पर अधिक बात करने की आवश्यकता है। मेरी कविता और पत्रकारिता भारतीय जनमानस के सुख-दुख, संघर्ष और सांस्कृतिक रुचि को सहज रूप में अभिव्यक्त करने का उपक्रम है। शैलेन्द्र चौहान को सिलीगुड़ी महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के प्रो. विचारक अभिजित मजूमदार, साहित्यकार डॉ. भीखी प्रसाद ‘वीरेन्द्र’ एवं नवगीतकार बुद्धिनाथ मिश्र द्बारा सम्मानित किया गया। प्रो. अभिजित मजूमदार ने शैलेंद्र चौहान के विचारों से सहमति जताते हुए देश में जनवाद और राष्ट्रवाद को विकृत करने की फासीवादी सोच पर चिंता जताई।

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