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जस करनी तस भोगहु ताता....... - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
विपिन किशोर सिन्‍हा लोकतंत्र में हिंसा सर्वथा वर्जित है। मर्यादा में रहकर अपनी बात कहने का अधिकार सबको है।लेकिन वाणी, हथियार या थप्पड़ के माध्यम से जबरदस्ती अपनी बात मनवाने का अधिकार किसी को भी नहीं है। अमूमन हथियार या शारीरिक शक्ति का विरोधियों पर प्रयोग को ही हिंसा की…