साइनस को इग्नोर करना ठीक नहीं: ड़ा- विवेक वर्मा
आजकल की अनियमित जीवन शैली में लोग अपनी सेहत का सही प्रकार से ख्याल नहीं रख पाते. जिसके कारण उन्हें अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. आज हम आप को साइनस के लक्षण और उपचार के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे अधिकतर लोग परेशान रहते हैं. जो आम सर्दी के रूप में शुरू होती है और फिर एक बैक्टीरियल, वायरल या फंगल संक्रमण के साथ बढ़ जाती है। साइनस की बीमारी को लेकर लखनऊ में नाक कान गला रोग विशेषज्ञ ड़ा- विवेक वर्मा से खास बातचीत में उन्होने बताया कि साइनस नाक में होने वाला एक रोग है. इस रोग में नाक की हड्डी भी बढ़ जाती है या तिरछी हो जाती है. जिसकी वजह से सांस लेने में परेशानी होती है. जो व्यक्ति इस रोग से ग्रसित होता है उसे ठण्डी हवा, धूल, धुआं आदि में परेशानी महसूस होती है.
साइनस मानव शरीर की खोपड़ी मे हवा भरी हुई कैविटी होती है, जो हमारे सिर को हल्कापन व श्वास वाली हवा लाने मे मद्द करती है. श्वास लेने में अंदर आने वाली हवा इस थैली से होकर फेफड़ों तक जाती है. इस थैली में हवा के साथ आई गंदगी यानि धूल और दूसरी तरह की गंदगियों को रोकती है. जब व्यकित के साइनस का मार्ग रूक जाता है, तो बलगम निकले का मार्ग भी रूक जाता है. जिससे साइनोसाइटिस नामक बीमारी होती है. साइनस के संक्रमण होने पर इसकी झिल्ली में सूजन आ जाती है. जिसके कारण झिल्ली में जो हवा भरी होती है उसमें मवाद या बलगम आदि ङर जाता है. जिससे व्यकित के साइनस बंद हो जाते हैं. और मरीज को परेशानी होनी लगती है.
इस बीमारी का मुख्य कारण झिल्ली में सूजन का आ जाना, साथ ही यह सूजन भी निम्न कारणों से आ सकती है बैक्टीरिया, फंगल संक्रमण, या फिर नाक की हड्डी का ढ़ेडा होना. उन्होने बताया कि इसके लक्षण आप इस बीमारी को आसानी से पहचान सकते हैं, सिर का दर्द होना, बुखार रहना, नाक से कफ निकलना और बहना, खांसी या कफ जमना, दांत में दर्द रहना, नाक से सफेद हरा या फिर पीला कफ निकलना. चेहरे पर सूजन का आ जाना, कोई गंध न आना. साइनस की जगह दबाने पर दर्द का होना आदि इसके लक्षण हैं. आम तौर पर ये गंभीर बीमारी नही है लेकिन समय रहते इसका इलाज नही कराया गया तो मरीज को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
डा. विवेक वर्मा के अनुसार मरीज को यह बीमारी है या नही इसके लिए सीटी स्कैन या एमआर आई के अलावा साइनस के अन्य कारणों को लेकर खून की जांच भी की जाती हैं. जिससे हमें बीमारी होने का ठोस कारण पता चल सके. ऐसे में सिटी स्कैन व एलर्जी टेस्ट आदि करवाकर यदि नाक की हड्डी एवं साइनस की बीमारी सामने आती है तो उस मरीज को घबराने की जरूरत नही है. आज कल इसका ऑपरेशन दूरबीन विधि से या फिर नाक की इंडोस्कोपिक साइनस सर्जरी करा सकते हैं. साइनस से ग्रसित व्यक्तियों को धुंए और धूल से बचना चाहिए. साथ ही साथ आप ऊबलते हुए पानी की भाप या सिकाई भी कर सकते हैं. इस दौरान पंखा और कूलर भी बंद कर लें. अगर समय रहते इसका इलाज नहीं कराया गया तो बाद में अस्थमा और दमा जैसे कई गंभीर रोग भी हो सकते हैं.
रवि श्रीवास्तव
Sir mbbs risihkesh iams Mai dikhaya tha unone bataya ki haddi halki si tarchi ho gai hai
Sir please repeat
Sir muje close nose hone se study nahi ho pati sir dard karne lagta hai
Sir illage ke liye Kya kre
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Please sir repeat