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कभी शिक्षक के ऋण से उऋण नहीं हो सकता शिष्य - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
जगमोहन फुटेला हुकमचंद खुराना जी छठी से दसवीं क्लास तक मेरे टीचर थे. दिन में स्कूल में. रात को गाँव में अपने घर पे. उन दिनों टीवी का सिग्नल सत्तर फुट का एंटीना लगा के भी नहीं था. रेडियो पे कमेंटरी सुना सुना के क्रिकेट और सुरेश सरैय्या की अंग्रेजी…