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भाषण, जो लाल किले से पढ़ा नहीं गया! - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
सुनील अमर मेरे प्यारे देशवासियों ...... आज आजादी को याद करने का दिन है। आजादी की कीमत वही समझ सकता है जो गुलाम हो। वैसे ही, जैसे खाने की कीमत वही समझ सकता है जो भूखा हो। यह अच्छी बात है कि हम आप न तो गुलाम हैं और न…