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व्यंग्य/एक चुटकी रज कण मुझे भी प्लीज! - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
अशोक गौतम अव्वल दर्जे के चरित्रहीन होने के चलते कल मेरे अजीज ने मुझे अपनी दिली तमन्ना बताते हुए कहा, 'हे मित्र! मेरा जन्म पुन: हो और गलती से मुझे का सरकारी कर्मचारी का चोला मिले तो मैं इसी विभाग में इसी पद को प्राप्त होऊं ताकि रिश्‍वत लेने के…