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व्यंग्य/ चातक वैष्‍णव प्याज पुकारे - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
अशोक गौतम उनकी पार्टी के बीसियों समाज सेवकों के पास बीसियों धक्के खाने के बाद बड़ी मुश्किल से अपनी चिंता पर उनकी चिंता व्यक्त करा अपनी चिंता से मुक्त होने के लिए उनके दरबार में हाजिर हुआ तो देखता क्या हूं कि वे तो चिंताओं से मुझसे भी अधिक शोभायमान…