व्यंग्य/ मैं तो कुतिया बॉस की - प्रवक्ता.कॉम - Pravakta.Com
-अशोक गौतम वे आते ही मेरे गले लग फूट- फूट कर रोने लगे। ऐसे तो कभी लंबे प्रवास से लौट आने के बाद भी मेरी पत्नी जवानी के दिनों में मेरे गले लग कर भी नहीं रोई। हमेशा उसके मन में विरह को देखने के लिए मैं ही विरह में…