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व्यंग्य/एक जूता तो तबीयत से उछालो प्रभु! - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
-अशोक गौतम कल मैं जब विधानसभा से तोड़ फोड़ कर फटी सदरी के कालर खड़े किए शान से घर आ रहा था कि अचानक नारायण मिले, मुस्कुराते हुए पूछा, 'और मुरारी लाल! क्या हाल है? कैसी चल रही है राजनीति? मजे लगे हैं न? पांचों उंगलियां घी में और सिर…