आर. सिंह की कहानी / वर्दी - प्रवक्ता.कॉम - Pravakta.Com
ये घोड़ों के टापों की आवाज ? ये हलचल सी और उसके साथ उठती हुई भयानक चीखें? ये गिरती हुई इमारत और उड़ती हुई धूल? ये सब आप क्या कह रहे हैं? मेरी समझ में तो कुछ भी नही आ रहा है? शाम का धुंधलका अभी पूरी तरह फैला नहीं…