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सुदर्शन प्रकरण में मीडिया की भूमिका और भाजपा नेतृत्व की कमजोरियाँ… - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
सुदर्शन प्रकरण ने फ़िर से इस बात को रेखांकित किया है कि या तो संघ का अपना खुद का टीवी चैनल और विभिन्न राज्यों में 8-10 अखबार होने चाहिये, या फ़िर वर्तमान उपलब्ध मीडियाई भेड़ियों को वक्त-वक्त पर "समयानुसार कभी हड्डी के टुकड़े और कभी लातों का प्रसाद" देते रहना…