सचिन ने लिया वन डे से संन्यास

देवेन्द्र शर्मा

दो दशक से भी ज्यदा क्रिकेट जगत पर राज करने वाले क्रिकेट के भगवान ने अंतत: वन डे क्रिकेट को अलविदा कह दिया। सचिन तेंदुलकर के एक दिवसीय क्रिकेट से संन्यास लेने से निश्चित तौर पर दुनिया भर के गेंदबाजों ने राहत की सांस ली होगी जो कभी सचिन को गेंद करने से डरते थे। सचिन एक ऐसे बल्लेबाज रहे जिनका विकेट मिलना किसी भी गेंदबाज के लिए हर्ष का विषय रहता था। उनके आउट होते ही दूसरी टीम राहत की सास लेती थी। सचिन एक बेमिसाल खिलाड़ी रहे है परन्तु पिछले कुछ समय से अपने प्रदर्शन के कारण वह चौतरफा आलोचनाओं के घेरे में थे। यहां तक कि गावस्कर, कपिल जैसे उनको पसंद करने वाले क्रिकेटर भी उनको संन्यास की सलाह देने लगे थे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट 15 नवंबर 1989 को पदार्पण करने से काफी पहले तेंदुलकर ने अपने कौशल का परिचय दे दिया था। उन्होंने 1988 में लार्ड हैरिस शील्ड अंतर स्कूल मैच में अपने मित्र विनोद कांबली के साथ 664 रन की अटूट साझेदारी की थी। उन्होंने अपना पहला टेस्ट शतक इंग्लैंड के खिलाफ 1990 में ओल्ड ट्रैफर्ड में लगाया था। इसके बाद उन्होंने 1991-92 के आस्ट्रेलिया दौर में सिडनी और पर्थ में दो बेहतरीन शतकीय पारियां खेली थी। इसके बाद तो बल्लेबाजी का कोई भी रिकार्ड उनसे अछूता नहीं रहा। वह केवल ब्रायन लारा के टेस्ट क्रिकेट में नाबाद 400 रन और प्रथम श्रेणी मैचों में नाबाद 501 रन की सर्वोच्च व्यक्तिगत पारी के रिकार्ड तक नहीं पहुंच पाए। वनडे क्रिकेट की शुरुआत 1971 में हो गई थी लेकिन वह तेंदुलकर थे जिन्होंने इस प्रारूप में पहला दोहरा शतक जमाया था। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फरवरी 2010 में ग्वालियर में यह उपलब्धि हासिल की थी। क्रिकेट से इतर उन्हें इस साल राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया। वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले क्रिकेटर हैं। सचिन दुनिया के गेंदबाजों के लिए एक खौफ साबित होते थे। महान सर डान ब्रैडमैन सचिन में अपनी छवि देखते थे। वन डे क्रिकेट का शायद ही ऐसा कोई रिकार्ड जो सचिन ने अपने नाम न किया हो। चाहे वह वन डे सबसे अधिक रन बनाने का हो, सबसे अधिक शतक या फिर सर्वश्रेष्ठï सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर का हो। उनके नाम अंतर्राष्टï्रीय क्रिकेट में 100 शतकों का रिकार्ड दर्ज है। अगर सचिन के वन डे रिकार्ड पर नजर डाली जाये तो उन्होंने 463 मैचों की 452 पारियों में 44.83 की औसत से 18,426 रन बनाये। सचिन ने जो रिकार्ड अपने नाम दर्ज कर लिये है उनके रिकार्ड को फिलहाल तोडऩा असंभव दिख रहा है। बल्लेबाज के अलावा तेंदुलकर ने गेंदबाजी में भी कमाल दिखाया। उन्होंने अपने वनडे करियर में 154 विकेट लिए हैं। वह जयसूर्या और जाक कैलिस के साथ दुनिया के उन तीन क्रिकेटरों में शामिल हैं जिन्होंने वनडे में दस हजार रन, 150 से अधिक विकेट और 100 से अधिक कैच लिए हैं। तेंदुलकर के नाम पर वनडे में 140 कैच दर्ज हैं। सचिन वन डे के ऐसे बल्लेबाज कहे जाते थे जिनके आगे गेंदबाजी करने में अच्छे से अच्छे गेंदबाज को पसीना आता था। वकार युनूस और अकरम जैसे गेंदबाजों को उन्होंने खूब धूना। ये वही सचिन है जिन्होंने शेन वार्न की गेंदो पर छक्के जड़े थे तो सपने में भी वार्न को सचिन ही दिखाई देते थे। वन डे में सचिन, गांगुली, द्रविड, लक्ष्मण के आने से भारतीय मध्यक्रम को काफी मजबूती मिली थी लेकिन आज इंडिया टीम में गांगुली, द्रविड, लक्ष्मण सभी के संन्यास के बाद सचिन भी उनके साथ खड़े है। सचिन के संन्यास ले लेने के बाद आज यह सवाल उठता है कि आखिर ऐसी क्या जल्दबाजी थी कि सचिन ने इस प्रारूप को विदा कर दिया। कभी भी दबाव में न खेलने वाले सचिन के ऊपर आखिर किसका इतना दबाव हो गया कि उन्होंने वन डे को अलविदा कह दिया। सचिन के संन्यास लेने के बाद से कुछ और बातें भी खडी होती है जैसे कि इसी वर्ष द्रविड, लक्ष्मण ने भी इसी वर्ष सीरीज में चयन से पहले ही संन्यास की घोषणा कर दी थी तो क्या ये संभव है कि सचिन को इस बात की जानकारी हो गई थी कि पाक श्रृंखला में उनका चयन नहीं होने जा रहा है जिसके चलते उन्होंने संन्यास लेने की घोषणा कर दी। इसके अलावा उनके खराब फार्म की वजह से भी उनको संन्यास लेने पर मजबूर होना पड़ा। पर देखा जाये तो सचिन को वन डे खेले नौ महीने से ज्यादा हो गया है और आखिरी वन डे में बांग्लादेश के खिलाफ शतक भी लगाया था तो वन डे में संन्यास लेने का क्या कारण रहा। हां, टेस्ट क्रिकेट में काफी समय से उनका बल्ला खामोश है। जिस तरह से सचिन ने आज मौन संन्यास लिया है उसे देखते हुए यही लगता है कि सचिन जल्द ही टेस्ट क्रिकेट को भी अलविदा कह देंगे। हालांकि कहा तो यह जा रहा है कि उन्होंने बीसीआईप्रमुख को भारत-पाक श्रृंखला की टीम चुने जाने से पहले ही इसकी जानकारी दे दी थी लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि सचिन ने तो खुद ही पाक श्रृंखला के लिए अपनी उपलब्धता की जानकारी टीम प्रबंधन को दी थी तो वह ऐसा क्यों करेंगे। सचिन के संन्यास के बाद अब जो सवाल आम जनमानस के मन में उठ रहे है उनका जवाब टीम प्रबंधन को देना ही होगा।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here