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समलैंगिकता प्रकृति के नियमों के विरूद्घ - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
राकेश कुमार आर्य प्राचीनता और नवीनता दो विरोधी धारायें नहीं हैं। समाज की उन्नति के लिए इन दोनों को समन्वय बड़ा आवश्यक है। विज्ञान के नवीन आविष्कारों का और अनुसंधानों का लाभ लेने के लिए हमें सदा नवीनता का समर्थक रहना चाहिए। इसी से सभ्यता का विकास होता है। इसीलिए…