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हिन्दी की दशा या दुर्दषा - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
बलबीर राणा "भैजी" राष्ट्रभाषा अपनी क्षीणतर हो चली हिन्दी का हिंग्लिस बन खिंचडी बन चली अपनो के ही ठोकर से अपने ही घर में पराई बनके रह गयी आज विदेशी भाषा अपने ही घर में घुस मालिकाना हक जता रही उसके प्यार में सब उसे सलाम बजा रहे यस नो…