अमिताभ को सुप्रीमो मुलायम की धमकी का राज

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अतुल मोहन सिंह
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और 3 बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके मुलायम सिंह यादव सूबे के ही आईपीएस अधिकारी को धमकी देने के मामले में विवादों में घिर गए हैं. सवाल ये है कि मुलायम जैसे क़द्दावर नेता ने ख़ुद फोन करके एक आईपीएस अधिकारी को धमकी क्यों दी. सूत्रों के मुताबिक़ मुलायम के धमकी देने की वजह बेहद व्यक्तिगत है क्योंकि पिछले एक साल से आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने मुलायम के कई क़रीबियों को अपने निशाने पर ले रखा है.

दरअसल आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी सामाजिक कार्यकर्ता और आररटीआई एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर उत्तर प्रदेश के खनन मंत्री गायत्री प्रजापति के ख़िलाफ एक लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं और गायत्री प्रजापति एसपी मुखिया मुलायम सिंह यादव के बेहद क़रीबी हैं. गायत्री के क़रीबी रिश्तों का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि साल 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद पिछले तीन साल में अब तक तीन बार गायत्री प्रजापति का प्रमोशन हो चुका है. नई सरकार बनने पर गायत्री को पहले सिंचाई विभाग में राज्यमंत्री बनाकर कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव से अटैच किया गया.

साल 2013 में गायत्री को ‘पहला’ प्रोमोशन दिया गया और खनन विभाग में राज्यमंत्री बनाकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से अटैच कर दिया गया क्योंकि उस समय खनन विभाग मुख्यमंत्री के अधीन था. खनन विभाग में राज्यमंत्री बनने के बाद गायत्री खनन विभाग से हुई आमदनी को सीधा संबंधित ठिकाने पर पहुंचाने लगे जिसके बाद सरकार का भरोसा उन पर बढ़ गया और साल 2013 में ही उन्हें ‘दूसरा’ प्रमोशन देते हुए खनन विभाग में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कर दिया गया जिसके बाद वो मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करने के नियम से बाहर हो गए. सरकार के भरोसे को मज़बूत करते हुए गायत्री प्रजापति दिन-रात ‘पूरी ईमानदारी’ से मेहनत करते हुए आमदनी को सीधा संबंधित ठिकाने पर पहुंचाते रहे जिसके बाद साल 2014 में हुए मंत्रीमंडल विस्तार में सरकार ने गायत्री को ‘तीसरा’ प्रमोशन देते हुए खनन विभाग में ही सीधा कैबिनेट मंत्री बना दिया.

कैबिनेट मंत्री बनने के बाद गायत्री ने ‘पद की गरिमा’ का पूरा ख़्याल रखते हुए सूबे के हर कोने में फैले हुए खनन माफियाओं को खनन के इतने पट्टे बांटे कि उनकी व्यक्तिगत कमाई 90 प्रतिशत बढ़कर 950 करोड़ हो गई जिसमें उनका पूरा परिवार शामिल था. ये बातें राजधानी लख़नऊ की सरकारी फिज़ा और मीडिया में आने के बाद आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की पत्नी-सामाजिक कार्यकर्ता और आररटीआई एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने गायत्री के ख़िलाफ आररटीआई से कुछ जानकारियां इकट्ठा की और सूबे के लोकायुक्त के यहां शिकायत दर्ज करा दी.

इस मामले में गायत्री बुरी तरह फंस गए और मीडिया से लेकर सामाजिक परिवेश में उनकी ख़ासी किरकिरी हुई. हालांकि लोकायुक्त के यहां गायत्री का कुछ बिगड़ नहीं पाया क्योंकि मुलायम से रिश्तों और सत्ता की बदौलत लोकायुक्त एन. के. मेहरोत्रा ने गायत्री को क्लीन चिट दे दी. सूबे के यही लोकायुक्त एन. के. मेहरोत्रा पूर्व में बीएसपी के कई मंत्रियों का विकेट गिराकर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने में मदद कर चुके हैं लेकिन सेबे के लोकायुक्त का दूसरा कार्यकाल पा चुके एन. के. मेहरोत्रा तीसरी बार लोकायुक्त की कुर्सी पाने के लिए अखिलेश सरकार के प्रति नर्म रुख़ इख़्तेयार किए हुए हैं.

बहरहाल लोकायुक्त से क्लीन चिट मिलने के बाद गायत्री ने ठाकुर दंपति के ख़िलाफ बदले की राजनीति शुरु कर दी और ग़ाज़ियाबाद के एक छुटभैया नेता को पटाकर ठाकुर दंपति के ग़ाज़ियाबाद प्रवास के बहाने उनके ख़िलाफ एक घटिया साज़िश की. गायत्री ने छुटभैया नेता के माध्यम से उसकी तथाकथित पत्नी और एक अन्य महिला को अलग-अलग लख़नऊ बुलवाया और ठाकुर दंपति को शांत करने के लिए अमिताभ ठाकुर के ख़िलाफ बलात्कार का फर्ज़ी मुक़दमा दर्ज करवाने के लिए राज़ी कर लिया.

गायत्री ने अपनी इस साज़िश में उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ज़रीना उस्मानी को भी शामिल कर लिया और राज्य महिला आयोग से नोटिस भिजवाकर अमिताभ ठाकुर के ख़िलाफ बलात्कार के दो फर्ज़ी मुक़दमे दर्ज करवा दिए लेकिन ईमानदार और शरीफ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर इस जांच में बेगुनाह पाए गए और दोनों मुक़दमे फर्ज़ी पाए जाने के बाद अमिताभ ठाकुर ने अपने सम्मान की ख़ातिर एक बार फिर गायत्री प्रजापति के ख़िलाफ मोर्चा खोल दिया है.

इस बार ठाकुर दंपति के निशाने पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ज़रीना उस्मानी भी हैं क्योंकि बेटे को खनन का पट्टा मिलने के लालच में ज़रीना उस्मानी भी इस साज़िश में शामिल थीं और उन्हीं की मदद से अमिताभ ठाकुर के ख़िलाफ बलात्कार के झूठे मुक़दमे दर्ज हुए थे. इस मामले में ठाकुर दंपति की तरफ से मुक़दमा दर्ज होने के बाद सूबे के खनन मंत्री गायत्री प्रजापति और राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ज़रीना उस्मानी मुश्किल में फंस गए हैं. मुलायम सिंह यादव टेप में उसी एफआईआर का ज़िक्र कर रहे हैं. इत्तेफाक़ से ज़रीना उस्मानी भी एसपी मुखिया मुलायम सिंह यादव की बेहद क़रीबी हैं और मुलायम की कोर टीम का हिस्सा मानी जाती हैं.

ठाकुर दंपति के निशाने पर आने के बाद ज़रीना उस्मानी को ज़्यादा मुसीबत हो रही है इसलिए अपने बेहद क़रीबियों गायत्री और ज़रीना को मुश्किल में फंसता देख मुलायम ने अपने समाजवादी प्रेम के चलते भावुकता में अमिताभ ठाकुर को फोन कर धमकी दे डाली. हालांकि आज के ज़माने की बदलती राजनीति और एसपी मुखिया मुलायम सिंह यादव के क़द को देखते हुए इस मामले में कोई कार्रवाई होने की उम्मीद नहीं है लेकिन पीड़ित अमिताभ ठाकुर ने लख़नऊ की हज़रतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाने के लिए तहरीर दे दी है. हम तो अब यही कहेंगे कि समाजवादी आंदोलन के पुरोद्धा स्वर्गीय राममनोहर लोहिया के आदर्शों की दुहाई देने वाली समाजवादी सरकार के मुखिया और उत्तर प्रदेश के ओजस्वी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सूबे के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को धमकी देने के मामले में अपने पिता मुलायम सिंह यादव के ख़िलाफ केस दर्ज कराकर राजधर्म का परिचय दें.

नूतन ने राष्ट्रपति से लगाई गुहार: समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की ओर से आईपीएस अमिताभ ठाकुर को फोनकर धमकी देने की घटना के बाद अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर ने गृह मंत्रालय से सुरक्षा की गुहार लगाई है। अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर ने साक्षात्कार में बताया कि साल 2006 में अमिताभ फिरोजाबाद में वीआईपी ड्यूटी पर तैनात थे। उस दौरान मुलायम सिंह के समधी ने उनसे बदसलूकी की थी। मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने भी मुलायम सिंह के समधी का ही साथ दिया था। किसी ने भी उन्हें बचाने की कोशिश नहीं की थी। बड़ी मुश्किल से उनकी जान बच पाई थी। नूतन ने बताया कि घटना के बाद अमिताभ ठाकुर ने एफआईआर भी दर्ज कराई थी। बाद में उनका तबादला कर दिया गया था। नूतन ने कहा कि फोन पर मुलायम सिंह ने कहा कि याद है जसराना में क्या हुआ था, उससे भी खराब दशा हो जाएगी। नूतन ने कहा कि साल 2006 की इस घटना को वह आजतक नहीं भूल पाई हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा सिर्फ इसलिए किया गया है क्योंकि उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है। नूतन ने बताया कि इससे पहले भी कई बार उन्हें और उनके परिवार को झूठे मुकदमों में फंसाने की कोशिश की गई लेकिन इस बार मामला कुछ ज्यादा ही गंभीर है। उन्होंने कहा कि घटना के बाद उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय से सुरक्षा की गुहार लगाई है।

सूबे में पहली बार ऐतिहासिक घटना तब हुई जब पुलिस के महानिदेशक (नागरिक सुरक्षा) अमिताभ ठाकुर थाना हजरतगंज पहुचे समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव पर एफआईआर दर्ज कराने पूरा थाना पीएसी छावनी में तब्दील हो चुका था जैसे कोई आतंकी हमला या किसी बड़ी अनहोनी की आशंका हो कोई आश्चर्य नहीं क्योकि ये तो होना ही था। उन्होंने सोशल मीडिया पेसबुक पर बताया की “आज जब मैं श्री मुलायम सिंह पर एफआईआर दर्ज कराने थाना हजरतगंज गया तो वहां सिर्फ मेरे लिए पीएसी बुला ली गयी थी जिन्हें मैंने यह कहते सुना कि अमिताभ ठाकुर आ रहे हैं एफआईआर कराने। इन्पेक्टर पहले तो शिकायती पत्र रिसीव तक नहीं कर रहे थे और जब मैंने कहा कि यह मेरा विधिक अधिकार है और जब तक नहीं होगा मैं यहाँ से नहीं हटूंगा तब किसी तरह उन्होंने मेरा प्रार्थनापत्र रिसीव कर कहा कि जाईये जांच कर कार्यवाही होगी।”

धमकी मामले में थानेदार को एफआईआर लेनी पड़ी: अमिताभ ठाकुर ने थाना हजरतगंज जाकर मुलायम सिंह यादव द्वारा उन्हें फोन पर धमकी देने के मामले में धारा 506 आईपीसी में एफआईआर के लिए प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया. इंस्पेक्टर हजरतगंज विजय पाल सिंह यादव ने पहले प्रार्थनापत्र रिसीव करने से मना कर दिया पर बाद में वहीँ बैठ जाने की बात कहने पर प्रार्थनापत्र रिसीव तो कर लिया पर कहा कि जांच के बाद जो सही होगा वह कार्यवाही की जायेगी.

प्रार्थनापत्र में मुलायम सिंह द्वारा जसराना वाली घटना भूल गए, अब आपके साथ वही करना पड़ेगा, जसराना में आपके साथ जो हुआ था उससे भी ज्यादा अब हो जाएगा, सुधर जाओ जैसी बातों को आपराधिक धमकी बतायी गयी है. साथ ही एफआईआर क्यों करवाया और आगे शिकायत नहीं करने की बात कही जो मेरी दृष्टि में सीधे गायत्री प्रजापति के खिलाफ मेरे लोकायुक्त मामले की शिकायत से जुडी दिखती है क्योंकि उसी मामले में परसों एफआईआर हुआ था.

जसराना की जो घटना मुलायम सिंह कह रहे थे वह यह है कि अमिताभ ठाकुर फिरोजाबाद में वर्ष 2006 में पुलिस अधीक्षक था जब मुलायम सिंह मुख्यमंत्री थे. उस समय उनके समधी जसराना विधायक ने अपने गाँव पैडत में डीएम फिरोजाबाद संयुक्ता समद्दार के साथ वीआइपी कार्यक्रम की तैयारी देखने गए अमिताभ ठाकुर पर कातिलाना हमला किया गया. जिसके सम्बन्ध में मुलायम सिंह ने एफआईआर नहीं करने की ताकीद की थी पर उन्होंने फिर भी थाना एका पर एफआईआर दर्ज कराया था.

इस मामले में पहले फाइनल रिपोर्ट लगा, फिर पुनार्विवेचना में आरोपपत्र लगा किन्तु कई गवाहों के पक्षद्रोही होने के कारण रामवीर सिंह तथा अन्य अभियुक्त साक्ष्यों के अभाव में बरी हो गए. इसके अलावा पटना की जो बात मुलायम सिंह कह रहे हैं वह यह है कि नूतन के पिता पूर्व में वर्ष 2005 में मुलायम सिंह से पटना में मिले थे और उस दौरान इस प्रकार की व्यक्तिगत वार्ता हुई थी. अमिताभ ठाकुर ने इसके अलावा मुख्य सचिव आलोक रंजन और डीजीपी जगमोहन यादव को अपनी सुरक्षा के लिए प्रार्थनापत्र दिया है और गृह सचिव, भारत सरकार को भी ईमेल से पूरी बात बताते हुए सुरक्षा की मांग की है.

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(बॉक्स) सूर्य प्रताप सिंह (IAS) का बयान: अमिताभ ठाकुर, आईपीएस को धमकी, सर जी, बताइए अब कौन किसके कान उमेठे. धनबल व बाहुबल, राजनैतिक लोकतंत्र के दो विकृत पहलू है. उत्तर प्रदेश में ४३% मंत्रीगण अपराधिक प्रष्ट भूमि के है. मंत्रियों या राजनैतिक में प्रभावशाली लोगों द्वारा अधिकारीयों, जनता को गाली गलौज, अभद्रता, बहन-बेटियों के साथ बलात्कार के प्रयास, पत्रकार को जलाकर मारने व किसी माँ के साथ पुलिस द्वारा थाने में वलात्कार के असफल प्रयास के बाद जलाकर मारना आदि अब सामान्य सी बात होकर रह गयी है. पहले तो कोई अधिकारी या व्यक्ति इस सब का विरोध नहीं करता है और यदि कोई विरोध करने का साहस भी करता है तो उसको कलंकित करने के लिए बलात्कार या भ्रष्टाचार जैसे आरोप लगवा देने जैसे हथकंडे अपनाये जातें है. अमिताभ ठाकुर पर भी फर्जी बलात्कार का आरोप लगाकर उनका मनोबल गिराने का प्रयास किया गया.

अमिताभ ठाकुर के साथ हुई यह घटना, सभी आईएएस व आईपीएस अधिकारियों के लिए खतरे की घंटी है. गंगोत्री गोमुख से ही बहती है, अब नीचे के राजनैतिक कार्यकर्ता जो पहले से ही बहुत उग्र थे, और भी अधिक उग्र हो सकतें है. क्या यह राजनीति का अपराधीकरण है या फिर अपराध का राजनीतिकरण, समझ नहीं आता है. अकसर राजनीतिक दल सार्वजनिक मंच से मुनादी पीटते हैं कि राजनीति का अपराधीकरण लोकतंत्र के लिए घातक है, परन्तु करते सभी यही सब कुछ है. संसद में १६२ सांसद अपराधिक पृष्टभूमि के है. १४ फीसद सांसदों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले है, उ.प्र. के विधायकों की तो कुछ पूछिये नहीं. यूपी विधानसभा के ४०३ विधायकों की सूचीं में से लगभग ४७ प्रतिशत विधायकों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज है/लंबित है या हुए है।

इस सबकी बीच यह उम्मीद लगाना कि राजनैतिक सदाचार शीघ्र आ जायेगा, बेमानी होगा. आपराधिक छतरी सभी गुंडे, बदमाशों को अपनी छाया में बड़ी चतुराई से छुपा लेने में सक्षम है. यह और भी दुर्भाग्य पूर्ण है जब सत्ता के शिखर पर बैठे लोग भूलवश या येनकेन में या शौकिया या फिर अपनी जीभ की खुजली मिटने के लिए धमकी, गली गलोंच दे बैठते है, तो उनके कान कौन उमेठे ? ऐसा साहस किस में है, सिवाय जनता के. तहरीर के बाद भी, ऐसे मामलों में पुलिस कारवाही की तो कुछ उम्मीद नहीं की जा सकती, परन्तु न्यायालय की सक्रियता, तटस्था से लोकतंत्र को मजबूत करने की उम्मीद जरूर की जा सकती है।

इस अवसर पर, मैं सभी जनसेवक भाइयों से इस प्रकार के कृत्य की न केवल निंदा अपितु विरोध जताने का आवाहन करता हूँ, जो सुनले, उसका आभार और जो न सुने वह अपनी बारी आने का इन्तजार करे. अगला हम सब में से कोई भी हो सकता है. तैयार रहें. बड़ी मुश्किल है ये डगर सतघट की (पनघट की नहीं) कैसे मैं भर लाऊँ मधवा से मटकी. कानून तोडऩे वाले बड़ी संख्या में कानून बनाने वाले बन बैठे हैं परन्तु निराश न हों, कानून के हाथ बड़े लम्बे होतें है और जनता के उससे भी लंबे.

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(बॉक्स) सुने, मुलायम सिंह और अमिताभ ठाकुर के बीच बातचीत का ऑडियो

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव ने एक आइपीएस अफसर को पुरानी बातों की याद दिलाते हुए फोन पर धमका दिया। आइपीएस अफसर के मुताबिक, फोन नंबर 0522-2235477 से मुलायम सिंह यादव ने उनके फोन नंबर 094155-34526 पर फोन किया और धमकी दी। अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर ने विशेष बातचीत में पूरे मामले की पुष्टि की है। आइपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने बताया कि शुक्रवार को शाम करीब पौने पांच बजे (16.43) उनके मोबाइल पर फोन आया। दोनों के बीच करीब दो मिनट दस सकेंड बातचीत हुई। इस दौरान सपा सुप्रीमो ने आइपीएस अफसर को धमकाया। मुलायम सिंह यादव और आईपीएस अमिताभ ठाकुर के बीच बातचीत के कुछ अंश:

हैलौ- नेताजी बात करना चाहते हैं आपसे
अमिताभ- कौन नेताजी ?
माननीय मुलायम सिंह जी
अमिताभ- अच्छा
मुलायम सिंह- हैलो
अमिताभ- जय हिन्द सर अमिताभ बोल रहा हूं सर
मुलायम सिंह- अमिताभ ठाकुर, जसराना की दावत वाली बात भूल गए आप, वही करना पड़ेगा आपका
अमिताभ- सर आदेश करें…सर
मुलायम सिंह- आदेश को मना क्यों कर रहे हो, जसराना में रामवीर के यहां जब दावत थी तो भूल गए आप
अमिताभ- सर… मैं समझ नहीं पाया.. सर
मुलायम सिंह- आप थे
अमिताभ- सर मैं था तो जब आप मुख्यमंत्री थे
मुलायम सिंह– फिर, बड़ी बदतमीजी थे आप तो
अमिताभ- क्या हो गया सर
मुलायम सिंह- सब बता रहे हैं कि कर रहे हैं, तुम बड़े भले, डॉक्टर साहब ने कहा.. पता है आपको, रामवीर की दावत में स्कूल में ले कर गए अन्दर
अमिताभ- सर समझ नहीं पा रहा हूं….
मुलायम- बस इतना ही कह रहा हूं..सुधऱ जाओ
अमिताभ- जी, सर

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(बॉक्स) मंत्री की आईपीएस को सलाह, ‘तुम छोड़ो नौकरी, मैं मंत्रिपद’!

 

अखिलेश सरकार के एक कैबिनेट मंत्री ने सूबे के एक चर्चित आईपीएस अफसर से नौकरी छोड़ने को कहा है। साथ में यह भी कहा कि हम भी मंत्री पद छोड़ देंगे और एक बार फिर जयप्रकाश नारायण की तर्ज पर आंदोलन को खड़ा किया जाएगा। फोन पर मंत्री महोदय की तरफ से आई इस पेशकश को सुनकर एकबार तो आईपीएस अफसर भी असमंजस में पड़ गए। बाद में आईपीएस अधिकारी ने विशेष बातचीत के दौरान मंत्री महोदय से हुई बातचीत को सिलसिलेवार ढंग से सामने रखा। बातचीत के अंश इस प्रकार हैं:

अमिताभ ठाकुर : जब मुझे फोन पर एक व्यक्ति ने कहा कि आपसे यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविन्द चौधरी बात करना चाहते हैं तो मैं काफी अचंभित और कुछ परेशान हुआ क्योंकि अपने परिवर्तित स्वरुप और सामाजिक अवतार में अब मुझे सत्तानशीं किसी भी व्यक्ति का फोन नहीं आता है, चाहे वह नेता हों, अधिकारी हों या सत्ता के गलियारे का कोई अन्य शख्स।

कबीना मंत्री : बेसिक शि‍क्षा मंत्री राम गोबिंद राम चौधरी ने छूटते ही कहा-“अब आप नौकरी छोड़िए, हम भी मंत्रीपद छोड़ते हैं और चलिए हम एक बार फिर जेपी (जयप्रकाश नारायण) के आन्दोलन को ताजा करने में जुटें।” आगे कहा कि आपको व डॉ. नूतन को साहसी कामों के लिए बधाई देता हूं। कई दिनों से शाबाशी देने की सोच रहा था पर बिजी शेड्यूल के कारण आज अवसर मिला।

amitabh thakur ipsअमिताभ ठाकुर :इसी के साथ हमारी बातचीत समाप्त हो गई। यद्यपि यह व्यक्तिगत बातचीत थी पर मैं इसे सार्वजनिक कर रहा हूं, क्योंकि पहली बात तो यह कि इस बातचीत में कुछ भी व्यक्तिगत या गोपनीय नहीं है। दूसरा- यह दिखाता है कि हमारे समाज के सभी तबकों में एक अच्छे, सच्चे और बुनियादी परिवर्तन की गहरी चाह है। तीसरा- इन शब्दों ने मुझे देश और समाज के प्रति अपना काम और ईमानदारी और मेहनत से करने की गहरी प्रेरणा दी। क्योंकि मुझे यह महसूस हुआ कि हम जानते नहीं पर तमाम लोग हमारे कामों को देखते रहते हैं और उनकी प्रशंसा भी करते हैं। भले हर व्यक्ति चौधरी की तरह खुले दिल वाला, स्पष्टवादी और हिम्मती नहीं हो, पर ऐसा कर रहे लोगों की स्वयं आगे बढ़ कर हौसला-आफजाई करें।

सर मैं आपको धन्यवाद देता हूं : ठाकुर
मंत्री रामगोविंद चौधरी को धन्‍यवाद देते हुए आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने कहा ”सर, मैं आपको हृदय से धन्यवाद देता हूं, इसलिए नहीं कि आप मंत्री हैं बल्कि इसलिए कि आप मंत्री के साथ सच्चे इंसान भी हैं। अभी भी आपके हृदय में परिवर्तन की रूमानियत दिखती है जो वास्तव में चित्ताकर्षक है।”

 

 

1 COMMENT

  1. अखिलेश सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है – महिला सुरक्षा पर विशेष रूप से अपनी उन विफलताओं को छुपाने के लिए ये ड्रामे हो रहे हैं ——

    मुलायम की करतूतों से उत्तर प्रदेश वाले शुरू से लज्जित होते रहे हैं –उनके बेटे उनसे और आगे निकल गए हैं -दुर्गा नागपाल और अब अमिताभ जैसे ईमानदार अधिकारी को परेशान करना बहुत दुखद है सभी को अमिताभ ठाकुर का साथ देना चाहिए ————————— मुलायम पहले कांग्रेस की गुलामी करते थे अब अमित शाह के पीछे-पीछे चलते हैं मोदी साहब के शपथग्रहण समारोह में आप सभी ने वो नजारा देखा ही होगा ???
    राजनाथ खुद चाहते हैं कि अमिताभ जैसे ईमानदार व्यवस्था से दूर हो जाएँ जिससे रिलायंस की दलाली में कोई रोड़ा न अटकाए ——
    अमिताभ जी आपके विचारों के समर्थक गुजरात में भी बहुत बड़ी संख्या में हैं — रामलीला फिल्म और तेंदुलकर को भारतरत्न मामले का जो जिक्र बीजेपी प्रतिनिधि ने एनडीटीवी प्रोग्राम में किया -जिस भी उद्देश्य से पर हम सभी आपके पक्के समर्थक बन गए हैं —- कोई आवश्यकता हो तो नि:संदेह आदेश कीजिएगा !!!
    अमिताभ जी आपकी सक्रियता लाजवाब और वर्तमान परिस्थितियों में प्रासंगिक भी है उसे बनाए रखिएगा — देश आप जैसों की ओर ललचाई नजरों से देख रहा है !!!

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