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दो संस्कृतियों के संगम थे संत कबीर - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
ललित गर्ग महामना संत कबीर भारतीय संत परम्परा और संत-साहित्य के महान् हस्ताक्षर है। हमारे यहां संत-साहित्य का एक विशिष्ट महत्व रहा है। क्योंकि इस साहित्य ने कभी भोग के हाथों योग को नहीं बेचा, धन के बदले आत्मा की आवाज को नहीं बदला तथा शक्ति और पुरुषार्थ के…