जया और शिवराज के लिए महत्वपूर्ण हैं ये चुनाव

jaya27 जून को पांच राज्यों की छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए। केरल की अरविक्करा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में 74.4 प्रतिशत मतदान हुआ। यहां सत्तारूढ़ कांग्रेस नीत यूडीएफ और विपक्षी माकपा नीत एलडीएफ के बीच कड़ा मुकाबला है। वहीं त्रिपुरा की प्रतापगढ़ और सुरमा तथा मेघालय की चोकपोट सीटों पर 80 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। हालांकि उपरोक्त राज्यों (केरल, त्रिपुरा और मेघालय) के विधानसभा उपचुनावों से किसी राज्य की राजनीति पर कोई गहरा असर नहीं पड़ने वाला किन्तु तमिलनाडु में सबसे छोटी विधानसभाओं में शामिल चेन्नई की आरके नगर सीट पर हुआ उपचुनाव तमिलनाडु के सियासी भविष्य को बदलने की ताकत रखता है। दरअसल यहां से तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता भ्रष्टाचार के एक मामले में बरी होने के बाद पुन: निर्वाचन के लिए किस्मत आजमा रही हैं। आरके नगर सीट पर 74.4 प्रतिशत मतदान होने फिलहाल जयललिता के पक्ष में जाता दिख रहा है किन्तु राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं होता। आंकड़ों के लिहाज से देखें तो आरके नगर सीट पर 2011 के विधानसभा चुनावों में 72.72 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस बार उपचुनाव में अन्नाद्रमुक की मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाकपा ने बूथ-कैप्चरिंग और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाकर इस उपचुनाव को बहस का मुद्दा बना दिया है। यहां से मुख्यमंत्री जयललिता और भाकपा के महेंद्रन के अलावा 26 अन्य उम्मीदवार भी किस्मत आजमा रहे हैं। दरअसल कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा जयललिता आय से अधिक मामले में बरी हो चुकी थीं और तमिलनाडु की पांचवी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले चुकी थीं मगर नियम से मुताबिक़ उन्हें 6 माह में विधानसभा सदस्यता लेनी थी अतः अन्नाद्रमुक के पी. वेत्रीवेल ने जयललिता के पुन: निर्वाचन के लिए मई में आरके नगर सीट खाली कर दी थी गोयाकि राजनीति में सर्वोच्चता के सामने कोई भी नतमस्तक हो सकता है। इस सीट से जीत जयललिता को तमिलनाडु में और अधिक स्थापित होने का मौका दे देगी और वे आगामी विधानसभा चुनाव के लिए खुद को और पार्टी को अधिक सामर्थ्य दे सकेंगी। हां, उनकी अनपेक्षित हार तमिलनाडु में द्रमुक और भाजपा को संजीवनी दे देगी। हालांकि जयललिता से जुड़े मामले अभी बंद नहीं हुए हैं और सर्वोच्च न्यायालय की चौखट तक जा पहुंचे हैं फिर भी आरके नगर की संभावित जीत उनका खोया आत्मविश्वास तो लौटा ही देगी।
इसी प्रकार मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले की गरोठ विधानसभा सीट पर हुआ उपचुनाव भी विवादों में रहा है। कथित तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक ऑडियो सामने आया है जिसमें वह एक समुदाय विशेष के नेता को पार्टी को मजबूत करने के लिए सम्मानित करने की बात कह रहे हैं। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस ऑडियो क्लिप के सार्वजनिक होने के बाद मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग तक कर डाली है। कांग्रेस ने इस कथित ऑडियो क्लिप को लेकर चुनाव आयोग में भी शिकायत दर्ज करवाई है। यह मामले इतना बढ़ गया कि मुख्यमंत्री शिवराज को आलाकमान ने सफाई देने के लिए तलब कर लिया। हालांकि इस ऑडियो क्लिप की सत्यता फिलहाल संदिग्ध है मगर मतदान के दो दिन पूर्व इसका सार्वजनिक होना शिवराज और भाजपा के लिए भारी पड़ सकता है। शनिवार को हुए उपचुनाव में यहां कुल 71.24 प्रतिशत मतदान हुआ। यहां कुल आठ उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस के पूर्व मंत्री सुभाष सोजतिया और भाजपा के चंदर सिंह सिसौदिया के बीच है। अंदरखाने चर्चा है कि भाजपा की स्थिति यहां डांवाडोल है जो यदि हार में तब्दील होती है तो शिवराज की प्रदेश में स्थिति कमजोर होना तय है। वैसे भी शिवराज सिंह जैसे-तैसे अपनी कुर्सी बचाए रखने में कामयाब हुए हैं वरना तो व्यापमं मामले ने उनकी जमकर भद पिटवाई है। कुल मिलाकर ये उपचुनाव दो-दो मुख्यमंत्रियों के भावी भविष्य को तय करने का माद्दा रखते हैं और 30 जून को इनकी भावी राजनीतिक राह भी सामने आ जाएगी।
सिद्धार्थ शंकर गौतम 
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सिद्धार्थ शंकर गौतम
ललितपुर(उत्तरप्रदेश) में जन्‍मे सिद्धार्थजी ने स्कूली शिक्षा जामनगर (गुजरात) से प्राप्त की, ज़िन्दगी क्या है इसे पुणे (महाराष्ट्र) में जाना और जीना इंदौर/उज्जैन (मध्यप्रदेश) में सीखा। पढ़ाई-लिखाई से उन्‍हें छुटकारा मिला तो घुमक्कड़ी जीवन व्यतीत कर भारत को करीब से देखा। वर्तमान में उनका केन्‍द्र भोपाल (मध्यप्रदेश) है। पेशे से पत्रकार हैं, सो अपने आसपास जो भी घटित महसूसते हैं उसे कागज़ की कतरनों पर लेखन के माध्यम से उड़ेल देते हैं। राजनीति पसंदीदा विषय है किन्तु जब समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का भान होता है तो सामाजिक विषयों पर भी जमकर लिखते हैं। वर्तमान में दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर, हरिभूमि, पत्रिका, नवभारत, राज एक्सप्रेस, प्रदेश टुडे, राष्ट्रीय सहारा, जनसंदेश टाइम्स, डेली न्यूज़ एक्टिविस्ट, सन्मार्ग, दैनिक दबंग दुनिया, स्वदेश, आचरण (सभी समाचार पत्र), हमसमवेत, एक्सप्रेस न्यूज़ (हिंदी भाषी न्यूज़ एजेंसी) सहित कई वेबसाइटों के लिए लेखन कार्य कर रहे हैं और आज भी उन्‍हें अपनी लेखनी में धार का इंतज़ार है।

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