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सोचो, करो कुछ भी...जमीन हमारी ही है !! - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
-अशोक मालवीय सरकार हो या पूँजीवादी ताकतें, इन्होंने कभी भी आदिवासियों को उनका हक नहीं देना चाहा है? लेकिन जब जनाक्रोश एक सैलाब का रूप धारण कर लेता तो इसकी दहशत की वजह से इनके हक को दर्शाने वाले कानून तो बना दिये जाते है। परन्तु इसके सही क्रियान्वयन न…