ये है दिल्ली मेरी जान

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लिमटी खरे

मीठा मीठा गप्प, कड़वा कड़वा थू!

उत्तर प्रदेश के भट्टा परसौल गांव में जाकर कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने पीडि़तों के आंसू क्या पोंछे समूचे सियासी दल उनके पीछे नहा धोकर पड़ गए हैं। हाल ही में शिवसेना सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे ने भी राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए उनसे पूछा है कि अगर राहुल वाकई किसानों के इतने हितैषी हैं तो वे उस वक्त कहां थे, जब जैतापुर का आंदोलन चल रहा था? शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखी संपादकीय में बाला साहेब ठाकरे ने कहा है कि जब जैतापुर में कांग्रेस सरकार किसानों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा रही थी, जब राहुल का किसान प्रेम इटली में था या फिर कोलंबिया में भ्रमण कर रहा था। वैसे बात सच है किसानों के प्रति हमदर्दी का प्रहसन करने वाले राहुल गांधी बुंदेलखण्ड में गए हों या कलावती के घर हर जगह उनके द्वारा की गई घोषणाएं थोथी ही साबित हुईं हैं। और तो और कलावती के दमाद ने तो बाद में खुदकुशी तक कर ली थी। यह सब यूपी में सियासी जमावट के लिए हो रहा है, कहते हैं न मीठा मीठा गप्प कड़वा कड़वा थू. . .।

कंफर्म नहीं हुई उमा की बर्थ!

भाजपा की रेलगाड़ी में फायर ब्रांड साध्वी उमा भारती की बर्थ का स्टेटस अभी भी वेटिंग ही दर्शा रहा है। हाल ही में हुई भाजपा की कोर समिति की बैठक के बाद भी उनकी घर वापसी का मसला नहीं सुलझ सका है। पार्टी फोरम पर भाजपाध्यक्ष नितिन गड़करी यह मु्द्दा लेकर आए, किन्तु भाजपा के आला नेताओं ने ही इसमें विद्रोह कर दिया। कहते हैं सबसे पहले अनंत कुमार ने अपना विरोध दर्ज करवाया और कहा कि उत्तर प्रदेश में उमा का क्या काम? इसके बाद उमा विरोधी खेमे के अरूण जेतली, वेंकैया नायडू और सुषमा स्वराज ने अनंत कुमार के सुर में सुर मिलाया। सुषमा स्वराज ने तो शिवराज सिंह चैहान के कांधों पर बंदूक रखकर कह दिया कि उमा की वापसी को लेकर शिवराज के मन में कुछ शंकाएं हैं, पहले उनका निराकरण होना आवश्यक है। फिर क्या था, माहौल बिगड़ता देख गड़करी ने मामले को ठंडे बस्ते के हवाले करना ही मुनासिब समझा।

इसरो की नाकमी पर पीएम नाराज!

वजीरे आजम डॉ. मनमोहन सिंह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो से खासे खफा नजर आ रहे हैं। अरूणाचल प्रदेश के मुख्य मंत्री दोरजी खाण्डू को ले जा रहे हेलीकाप्टर के मलबे को खोजने में नाकाम रहे इसरो के वैज्ञानिकों से प्रधानमंत्री ने आखिरकार पूछ ही लिया है कि वे इसमें नाकाम क्यों रहे। दरअसल इसरो प्रमुख राधा कृष्णन के नेतृत्व में वैज्ञानिकों का दल पीएम से मुलाकात कर तीन उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण पर अपनी पीठ थपथपाने के इरादे से आया था। दल को बधाई अवश्य मिली किन्तु पीएम डाॅ.सिंह ने अप्रत्याशित रूप से यह प्रश्न दाग ही दिया कि उपग्रह हेलीकाप्टर के दुर्घटनास्थल क बारे में सही और सटीक जानकारी क्यों नहीं दे पाया? वैज्ञानिकांे को इसकी आशा नहीं थी सो वे बगलें ही झांकते रह गए।

तमाशा खत्म पर नहीं खुली सील!

राष्ट्रमण्डल खेलों के नाम पर मची लूट की परत दर परत खुलती ही जा रही हैं। खेल समाप्त हुए आठ माह से अधिक का समय बीत चुका है किन्तु अब भी कामन वेल्थ गेम्स के नाम पर खुद की वेल्थ सुधारने का काम जारी है। दिल्ली के गोविंद वल्लभ पंत अस्पताल में करोड़ों रूपए मूल्य की सीटी स्केन मशीन बुलवाई गई थी गेम्स के मद्देनजर। खेल तमाश समाप्त हो गया किन्तु मशीन को डब्बे से नहीं निकाला गया, जबकि इसे 31 अगस्त तक लग जाना था। मजे की बात तो यह है कि साढ़े तीर करोड़ रूपए लागत की यह मशीन अस्पताल पहुंची खेल समाप्त होन के बाद 27 अक्टूबर को। इतना ही नहीं पंत और लोकनायक अस्पताल के लिए छः दर्जन नर्सिंग बेड भी खेल समाप्त होने के दो माह बाद लगवाए गए। किसी ने भी उन कंपनियों के खिलाफ कार्यवाही करने की जहमत नहीं उठाई, जाहिर है चोर चोर मौसेरे भाई।

फर्जीवाड़ा पास का हलाकान यात्री!

दिल्ली परिवहन निगम के दो परिचालक सरेराह फर्जी पास बेचते पकड़े गए। दिल्ली में भारतीय रेल और अन्य चुनिंदा राज्यों के मानिंद पैसेंजर फाल्ट सिस्टम लागू है। जिसका अर्थ है कि टिकिट लेना यात्री की जवाबदारी है। बिना टिकिट पकड़े जाने पर यात्री को जुर्माना भरना होगा। डीटीसी की यात्री बस में चालीस रूपए का नान एसी और पचास रूपए का एसी बस का दैनिक पास मिलता है, जिसके माध्यम से दिन भर में असीमित यात्रा का अधिकारी होता है पासधारक यात्री। अब अगर यात्री को डीटीसी का कंडक्टर ही फर्जी पास टिका रहा हो तो इसमें यात्री की क्या गल्ति। इसी गफलत के चलते मध्य प्रदेश में राज्य सड़क परिवहन निगम बंद हो चुकी है, और अवैध निजी यात्री बस संचालकों के बल्ले बल्ले हैं। मन में आया जितना किराया उतना वसूल लिया, टिकिट देना है दिया नहीं देना नहीं दिया।

दिया तले अंधेरा!

देश के हृदय प्रदेश की राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान सहित सारे मंत्रियों आला अफसरान की नाक के नीचे तीन साल तक के कुपोषित बच्चों की तादद देखकर केंद्र सरकार ने भी दातों तले उंगली दबा ली है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार भाजपा शासित मध्य प्रदेश मंे साठ फीसदी से ज्यादा कुपोषित बच्चे हैं और तो और भोपाल मंे ही आधे से ज्यादा बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। एक अशासकीय संगठन द्वारा कराए गए सर्वेक्षण मंे भोपाल में बीस फीसदी बच्चे अतिकुपोषित हालत में मिले। एक तरफ भोपाल गैस कांड का दंश आज तीन दशकों बाद भी झेल रहे भोपाल के निवासियों के लिए यह दोहरी मार से कम नहीं है कि शिवराज सिंह चैहान के भांजे और भांजियां कुपोषण की जद में हैं।

यह रहा रमन राज

भारतीय जनता पार्टी द्वारा सुशासन का दावा हरदम किया जाता है। पार्टी की जहां जहां सरकार है वहां वहां कुशासन और लूट ही लूट मची हुई है। अपनी ही जमीन की पुनरीक्षण याचिका दायर करने गए दिल्ली हाई कोर्ट के एक वकील पर जमीन के कारोबारियों और माफियाओं द्वारा छत्तीगढ़ की राजधानी रायपुर में अदालत परिसर में ही रिवाल्वर तान दी। हो हल्ला होने पर लोग दौड़े तब तक आरोपी भाग निकले। दिल्ली निवासी सुनील सिंह दिल्ली उच्च न्यायालय में अधिवक्ता हैं। वैसे कोर्ट परिसर में जरायमपेशा अपराधियों का आना जाना स्वाभाविक है, किन्तु कोर्ट परिसर में किसी भी अपराधी द्वारा वारदात करने से बचा ही जाता है। छग की राजधानी रायपुर के कोर्ट परिसर में दिन दहाड़े वकील पर रिवाल्वर तानने से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के सुशासन की छाया साफ दिखाई पड़ जाती है।

कोर्ट में मना हेप्पी बर्थ डे!

एक समय में जन्म दिन को भव्य समारोह में मनाने वाले पूर्व संचार मंत्री अदिमत्थू राजा को अपना 48 वां जन्मदिन जीवन भर याद रहेगा, इसका कारण यह है कि उनका यह जन्म दिन तिहाड़ जेल और अदालत के चक्कर काटते काटते ही मना। 10 मई को राजा को तिहाड़ जेल में नाश्ते के बाद साढ़े आठ बजे अन्य कैदियों के साथ पटियाला हाउस कोर्ट ले जाया गया। शाम साढ़े चार बजे कोर्ट की कार्यवाही समाप्त होने के बाद राजा को जेल की वेन से पुनः तिहाड़ जेल ले जाया गया। कोर्ट में राजा ने द्रमुक सांसद और करूणानिधि की बेटी कनिमोझी से बात भी की। तिहाड़ में बंद राजा के इतने बुरे दिन आ गए हैं, जिसकी कल्पना उन्होंने सपने में भी नहीं की होगी। जेल पहुंचने पर राजा का पूरा बायोडाटा जेल के रिकार्ड मंे दर्ज कराया गया है, बावजूद इसके जेल में अधिकारियों और कैदियों को भी उनके जन्म दिन की बात पता न चल सकी।

दाऊद के खौफ से मुक्त है वालीवुड!

रूपहले सिनेमा को अपने दामन में समेटने वाली मायानगरी मंुबई का वालीवुड़ अब अंडरवल्र्ड डान दाऊद इब्राहिम के खौफ से पूरी तरह मुक्त हो चुका है, यह दावा गुजरे जमाने की अभिनेत्री पूनम ढिल्लन ने फरीदाबाद के एस्कोर्टस फोर्टिज अस्पताल में आरंभ किए जाने वाले ब्लूम फर्टिलिटी सेंटर के उद्घाटन के अवसर पर किया। पूनम का कहना था कि एक समय था जब सितारों को दाऊद के खौफ के चलते मजबूरी में उसकी देहरी पर जाकर ठुमके लगाने पड़ते थे। बीस साल पुरानी यादें ताजा करते हुए उन्होंने कहा कि उस वक्त एक फोन काल ही दहशत के लिए पर्याप्त थी, अब समय बदल चुका है अब अगर किसी को धमकी मिलती है तो वह पुलिस की मदद लेने से नहीं चूकता है।

गंगा यमुना के बाद अब नर्मदा भी प्रदूषित

जीवन दायनी पवित्र पावन गंगा और यमुना नदी को तो प्रदूषण लील ही चुका है किन्तु अब मध्य प्रदेश के अमरकंटक से निकलने वाली नर्मदा नदी भी प्रदूषण की चपेट में आ चुकी है। अमृतस्य नर्मदा का प्याला इन दिनों प्रदूषण से छलछला रहा है। इसमें मिले केमिकल्स के कारण नर्मदा का जल बिना शोधन संयंत्र के अब पीने योग्य नहीं बचा है। यह बात मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की हालिया रिपोर्ट में उजागर हुआ है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायायल के निर्देश पर पीसीबी ने नर्मदा के विभिन्न तटों से जल एकत्र कर उसका परीक्षण किया था। परीक्षणोपरांत पाया गया कि नर्मदा का जल बुरी तरह से प्रदूषित हो चुका है। एक तरफ केंद्र सरकार द्वारा नदियों के संरक्षण के लिए करोड़ों अरबों रूपए खर्च किए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर जीवन दायनी नदियों के हाल बेहल हो रहे हैं।

अब क्या होगा आरक्षण का!

प्रकाश झा की बहुप्रतिक्षित फिल्म आरक्षण की शूटिंग अब खटाई में पड़ गई है। भोपाल में एक निजी बिल्डर और स्थानीय निकाय के बीच चल रही तनातनी के चलते आरक्षण का अस्थाई सेट भी झमेले में पड़ गया है। इस सेट पर सैफ अली खान और दीपिका पादुकोण के कुछ दृश्यों को फिल्माना बाकी है। बताते हैं कि भोपाल नगर निगम ने कुछ सेट को ढहा दिया है, जिससे अब फिल्म का अगला शेड्यूल प्रभावित हो गया है। कहते हैं कि लगभग एक एकड़ में बने सेट को ढहाया गया है, जिसमें एक बंग्ला भी है, जो अमिताभ बच्चन के चरित्र से संबंधित था। बताते हैं कि प्रकाश झा अब उसी तरह के सेट को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के नोएडा में तलाश कर रहे हैं किन्तु जमीन अधिकग्रहण की आग के चलते वे नोएडा या ग्रेटर नोएडा आगर कोई रिस्क लेना नहीं चाहते हैं।

शीला जी अब तो जागिए!

देश की राजनैतिक राजधानी दिल्ली में महिलाएं अब सुरक्षित नहीं दिख रही हैं। कभी कहीं चैन स्नेचिंग हो जाती है तो कहीं चलती कैब में ही युवती का शील भंग कर दिया जाता है। हाल ही में मंडावली इलाके में चार मनचले युवकों ने बारहवीं कक्षा की एक बाला के कपड़े इसलिए फाड दिए क्योंकि उसने इन शोहदों को मोबाईल नंबर देने से इंकार कर दिया था। छात्रा की मदद को आए एक युवक की इन शोहदों ने जमकर पिटाई कर दी। जैसे ही भीड़ जमा हुई वे भाग खड़े हुए किन्तु उनका तमंचा वहीं गिर गया। दिन दहाड़े जब छात्राओं और युवतियों को इस तरह शर्मसार कर आतंकित किया जाएगा तो कौन पालक अपने बच्चों को अकेले घर से निकलने देगा? दिल्ली की निजाम शीला दीक्षित खुद एक महिला और मां हैं, वे इस व्यथा को बेहतर समझ सकतीं हैं, हालात देखकर कहना होगा कि शीला इसे जानबूझकर ही समझना नहीं चाह रही हैं।

पुच्छल तारा

दुनिया भर में आतंक का पर्याय बन चुके ओसामा बिन लादेन को अपने आंचल मंे छुपाकर रखा था पाकिस्तान ने। पाकिस्तान में बिना किसी की जानकारी के रह रहे लादेन और पकिस्तानी सेना पर इन दिनों जोक्स की बौछारें हो रही हैं। नोएडा से योगिता वर्मा ने एक मेल भेजा है। योगिता लिखती हैं कि पाकिस्तान में बारहवीं कक्षा पास करने के बाद पापुलर कोर्स हैं:-

एमटेक – मास्टर्स इन टेरर टेक्नालाजी।

जेईई – जेहादी एंट्रेंस एग्जामिनेशन।

केट – केरियर इन अल कायदा एंड तालिबान।

एमबीए – मास्टर्स ऑफ बॉम्बिंग एडमिनिस्ट्रेशन।

एमबीबीएस – मास्टर्स ऑफ बॉम्‍ब ब्लास्टिंग स्ट्रेटेजी।

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लिमटी खरे
हमने मध्य प्रदेश के सिवनी जैसे छोटे जिले से निकलकर न जाने कितने शहरो की खाक छानने के बाद दिल्ली जैसे समंदर में गोते लगाने आरंभ किए हैं। हमने पत्रकारिता 1983 से आरंभ की, न जाने कितने पड़ाव देखने के उपरांत आज दिल्ली को अपना बसेरा बनाए हुए हैं। देश भर के न जाने कितने अखबारों, पत्रिकाओं, राजनेताओं की नौकरी करने के बाद अब फ्री लांसर पत्रकार के तौर पर जीवन यापन कर रहे हैं। हमारा अब तक का जीवन यायावर की भांति ही बीता है। पत्रकारिता को हमने पेशा बनाया है, किन्तु वर्तमान समय में पत्रकारिता के हालात पर रोना ही आता है। आज पत्रकारिता सेठ साहूकारों की लौंडी बनकर रह गई है। हमें इसे मुक्त कराना ही होगा, वरना आजाद हिन्दुस्तान में प्रजातंत्र का यह चौथा स्तंभ धराशायी होने में वक्त नहीं लगेगा. . . .

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