pravakta.com
नववर्ष पर तीन कविताएँ - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
नववर्ष से तुम एक बार फिर वैसे ही आ गए और मैं एक बार फिर वैसे ही तुम्हारे सामने हूँ हमेशा की तरह अपने साथ आशाओं के दीप ले आये हो तुम हौले-हौले मेरे पास अपने भीतर की तमाम उर्जा इकठ्ठा कर पुन: चल दूँगा मैं भी तुम्हारे साथ 2…