देश पर राज करते विदेशी मुखौटे….

क्या इस देश में केवल फिल्मी वेश्याओं की बात ध्यान से सुनी जाएगी? क्या इस देश में शाहरुख़ जैसो को देश भक्त समझा जायेगा? क्या इस देश में नंगा नाच करने वाली लडकियो को देखने के लिए ही भीड़ लगेगी? क्या इस देश में आयुषी, जेसिका, मधुमिता जैसियो के लिए ही मोमबत्ती यात्रा होगी? क्या बार डांसर, वेश्याओं, आतंकियो के लिए ही सहानूभूति लहर उत्ठेगी? क्या इस देश में सत्यनिष्ठ चरित्र से बड़ी चेहरे की चिकनाई है? क्या साधू, ज्ञानियों, संतो और गुरुओ को बोलीवुड और छिछोरी मीडिया के स्टैम्प की जरूरत है पहचाने जाने और माने जाने के लिए? ये देश हुडदंग करने, दारू पीके खेल कूद मस्ती का जश्न मनाने के लिए तो सड़क पर आ सकता है पर कोई अकेला आदमी जो अपने संकल्प के बल पर अभी तक न देखी हिम्मत करके एक पूरी सरकार से टक्कर ले रहा हो, बावजूद इसके की उसके पास सुख, सुविधा मुहैया करने वाले जनसमर्थन की कोई कमी नहीं, पर फिर भी उसको समर्थन देने वालो के हाथ कम पड़ रहे हो? .. एक साधारण (देखने में उन अंधे ‘इंडियंस’ के लिए) व्यक्ति केवल गलत के खिलाफ लड़ने की अपनी प्रतिज्ञा पर कायम रहते हुए अगर इस देश के हजारो परम भ्रष्ट सत्तासीन सरकार और उसके गुर्गो से मुकाबला करने की जद्दोजहद कर रहा हो.. चाहे तो वो भी सुधांशु महाराज, और अन्य बाबाओ के जैसे मिठाई बांटकर खुद ऐयाशी और स्वयम स्वार्थ सिद्ध कर सकता था…जो अकेला लड़ता इस लड़ाई में अपने महान देशभक्त सहयोगियों जैसे राजीव दीक्सित की हत्या देख चूका हो, ऐसा बाबा रामदेव जैसा साहसी व्यक्ति जिसे जान से मारने पर उतारू सरकार अपनी हर नीच हरकत को जायज ठहरा रही हो…… अब जब ऐसा प्रलयंकारी समय आया हो… जब सच्चे, देशभक्त, सत्य के साथी अकेले पड़ रहे हो तो क्या हम ये देखेंगे की किसका फायदा हो रहा है, किसका नुकसान हो रहा है? क्या हम ये देखेंगे की हमारा इसमें फायदा है की नहीं… आखिर हम कब तक “दुसरे का काम है ” , “ऐसा तो चलता ही रहेगा”, “हम सरकार से कैसे लड़ेंगे” “हमें तो अपना परिवार पालना है” कह कर अपनी जिम्मेदारियों से मुंह चुराएँगे? आखिर हम उसका साथ देंगे या नहीं? बड़े कलंक की बात है की कुछ लोग कायरता के नए प्रतिमान लिखने में कुतर्क देने से भी बाज नहीं आ रहे.. बाबा के पास लाखो करोडो पैसे हैं, बाबा ने स्कोट लैंड में द्वीप ख़रीदा है, बाबा व्यवसायी है, बाबा ठग हैं, बाबा ने गलत तरीके से पैसा जमा कर रखा है…. तो इसका जवाब ये है की व्यवसायी एम् बी पोद्दार ने एक स्कोटिश द्वीप बाबा को भेंट किया है ताकि वो वहां पर अपना एक वैश्विक योग केंद्र खोल सकें और हम भारतीय भी किसी अंग्रेजी भूमि पर कब्जे का घमंड कर सकें,बाबा रामदेव के पास चंदे में मिला पैसा है या दानकर्ताओ द्वारा योग अनुसन्धान, धर्म संस्कार के लिए समर्पित राशि है जो ग्यारह रुपये से लेकर एक लाख तक लेकर जुटी गयी है और जिसकी एक एक पाई का हिसाब केंद्र में बैठी उस सरकार के पास है जिसने खुद चोरी डकैती में सारी सीमाएं तोड़ दी हैं, अगर बाबा सक्षम लोगो से पैसे लेते हैं और गरीबो को निशुल्क योग उपचार देते हो, अत्यधिक मंहगी आयुर्वेदिक दवाइयां प्रामणिक जड़ी बूटियों के साथ लगभग लागत मूल्य पर देते हो, जिनकी बदौलत ग्रामीण, पिछड़े और आयुर्वेद में शिक्षित पारंगत लोगो को काम मिलता हो, जो भारत के मान, सम्मान, स्वाभिमान और उसके सांस्कृतिक गौरव को आधुनिकता के दौर में भी प्रस्थापित करने की इच्छा लिए दुनिया जहाँ से लड़ रहा हो, तप रत हो ऐसे को कहे की सफाई देनी?… और ये भी सोचने वाली बात है की किसी चोर द्वारा लगाये आरोपों का जवाब बाबा रामदेव को क्यों देना चाहिए, दिग्विजय सिंह जैसे धृष्ट और माने हुए देशद्रोही की बातो का जवाब देने की क्या अपरिहार्यता है? जवाब तो इस पार्टी को देना है जिसने इस देश की पहचान मिटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.

ये याद रखिये 82% लोगो ने इस पार्टी को पिछले चुनाव में नहीं चुना है…हमने भी नहीं, आपने भी नहीं… आपकी पीठ पर बैठकर ये पार्टी भारत देश को ही कमजोर कर रही है, भारत के दुश्मनों का साथ दे रही है, भारत की आत्मा का ही क़त्ल कर रही है.. भारत की सम्पदा धन खा जा रही है… और तो और बड़े ही धौंस से गुंडागर्दी करके सच बात बोलने वालो का मुंह भी बंद करने में लगी हुई है… आखिर हम बाहर निकलेंगे की नहीं? क्या हम ये सोच रहे हैं की इसके बाद क्या? तो कृपया इतनी अधिक बुद्धि न लगायें इतनी अधिक समझदारी के चक्कर में और बैठकर केवल गल-चौथ करने में ही इस जैसी निकृष्ट पार्टी की हिम्मत हो गयी है वो आपको ही दबा मारकर हेकड़ी भी दिखा रही है…. और सबसे शर्मनाक है की सारी शक्ति सारे सत्ताधिकारो का प्रयोग ये अपने पापो को छुपाने में और भारतीयों के खिलाफ ही कर रही है.. लादेन, कसाब, अफजल इत्यादि देश की पावन धरती पर अवंछित निक्रिष्टों की करोडो लगाकर भरपूर सेवा कर रही है, देश के दुश्मनों को खुल्ला छोड़े दे रही है, दुनिया भर में देश का सर नीचा कर रही हो, देश के दुश्मन पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रवैया अपनाने में आनाकानी कर रही हो और उसी को सहानूभूति का हक़दार बना रही होI अरुंधती, गिलानी, विनायक सेन को सर आँखों पर बिठा रही है… और देश भक्तो को आपने ही देश घर में बेइज्जत कर रही है ये सरकार……….. आखिर हो क्या रहा है… क्यों हम महिला आकृतियों और उनके पीछे छुपने वाले शिखंडियो को अनदेखा करते हैं……कब तक हम आपने घर की महिलाओ के इशारे पर चलेंगे? क्या हम अभी सामने चिपके मुखौटो के पीछे भी देख पाएंगे? क्या अब कुछ और सबूत चाहिए ये जानने को की गद्दार पार्टी कौन सी है?

और आखिर इस देश के गुनाहगारो अंग्रेजो की बनाई सौदेबाज पार्टी की हिम्मत कैसे हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इत्यादि देशभक्त संगठनों को अपमानजनक भाषा में संबोधित करने की? क्या असली हिंदुत्व, राष्ट्रवादी इस देश में मर चुका है….क्या यह गलीज पार्टी इतनी ताकतवर है की लगातार गद्दारी, गुंडई करने के बावजूद हम पर शासन कर रही है? आखिर कैसे महिलाओ की जमात और उसके बीच में छुपी हुई कठपुतलियां हमें बेवकूफ बनाकर हम पर शासन कर लेती है, आखिर कैसे इस देश का पुरुष चूड़ी पहनकर महिला तानाशाही को बर्दाश्त करता है…. आखिर कैसे उसी महिला तानाशाह की जनी पार्टी को वो कुछ भी करने देता है……… क्या पुरुष हैं भी इस देश में? क्या राष्ट्र भक्त हैं इस देश में? या सुभाष चन्द्र, भगत सिंह, खुदीराम, सरदार पटेल, महाराणा प्रताप, स्कन्द गुप्त, सावरकर, नाथूराम जैसो को पैदा करने वाली ये जमीं बाँझ हो गयी है??

 

क्या हम तैयार हैं किसी अकेले लड़ने वाले, वो भी जो आप के लिए लड़ रहा है, को अकेला न पड़ने देने के लिए.. अब इस लड़ाई की कमान युवाजनो को अपने हाथो में लेना होगा… आपने नेता, अपने लक्ष्य और अपने ध्येय का ध्यान रखते हुए.. हमें बाहर आना होगा अपने देश के भविष्य के लिए.. इस लड़ाई को हर गली, हर शहर घर तक ले जाएँ………………. इस विदेशी, गद्दार सत्ता को उखड फेंके II

यही समय है….

 

3 COMMENTS

  1. लेखक महोदय ने बिलकुल सही शीर्षक दिया है “देश पर राज करते विदेशी मुखौटे…”

    अब समय आ गया है की लोग समझे की आजाद भारत (गुलाम भारत की भी) असली समस्या क्या है.

    हर व्यक्ति का कर्त्तव्य है की अपने स्वाभिमान को जिन्दा करे, स्वयं सोचे, सच्चा इतिहास पता जाने, पढ़े (प्रवक्ता पर ही कई लेख है) – हमारा एक वोट इस देश के भविष्य का निर्माण करेगा.

  2. Lekh padha , achaa laga mahila ki jagah Videshi mahila likhna chahiye.
    Sonia Gandhi Isai missionary ki sabse badi agent hai,usko Hindustan se koi matlab nahi hai uska ek matr udeshya Isai missionary ko desh mein koi taklif na ho, baaki desh jaye kahi bhi.

  3. कभी किसी भी विपछि नेता या पत्रकार को खुलेआम सोनिया गाँधी का नाम न लेते सुना है न लिखते सुना है क्यों
    नाम लेने मैं आपलोगों को दर लगता है क्या
    पहले खुद उस का नाम लिखकर लेख लिखिए तब सम्जेहेंगे

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