कागजों पर अहसास लिखता हूँ।

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ना कवि, ना लेखक, ना ही इतिहासकार हूँ…

जीवन है अबूझ पहेली, उसके कुछ पल लिखता हूँ..

ना लिखता हूँ शायरी.. ना दोहों की करता बातें..

गुजरे उम्र का.. कागजों पर अहसास लिखता हूँ।

यादों के मर्म की बस.. कुछ बात लिखता हूँ..

कुछ उलझे हुए से अपने हालात लिखता हूँ..

जीवन उलझा जिनमें वो बेतरतीब सवाल लिखता हूँ..

और फिर कुछ उनके बेवजह से जवाब लिखता हूँ..

मैं बस कागजों पर अहसास लिखता हूँ..

जो बिगड़ गयी कुछ बात, उसकी याद लिखता हूँ..

कभी-कभी तुम संग बिते पलों का हिसाब लिखता हूँ..

तो कभी तुम बिन जागती रातों का खयाल लिखता हूँ..

फिर बिन तुम्हारें खाली पलों का मलाल लिखता हूँ..

मैं बस कागजों पर अहसास लिखता हूँ..

कुछ हारे कल का पल लिखता हूँ..

कुछ जीत का आने वाला कल लिखता हूँ..

कुछ जीने की आस लिखता हूँ..

कुछ मरे हुए जज्बात लिखता हूँ..

मैं बस कागजों पर अहसास लिखता हूँ..

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आकाश कुमार राय
उत्तर प्रदेश के एक छोटे शहर वाराणसी में जन्मा और वहीँ से स्नातकोत्तर तक की शिक्षा प्राप्त की। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से पत्रकारिता एवं जनसंचार में परास्नातक किया। समसामयिक एवं राष्ट्रीय मुद्दों के साथ खेल विषय पर लेखन। चंडीगढ़ और दिल्ली में ''हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी'' में चार वर्षों से अधिक समय तक बतौर संवाददाता कार्यरत रहा। कुछ वर्ष ईटीवी न्यूज चैनल जुड़कर काम करने के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की पत्रिका 'राष्ट्रीय छात्रशक्ति' में सह संपादक की भूमिका निभाई। फिलहाल स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर पत्रकारिता से जुड़े हैं... संपर्क न.: 9899108256

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