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उल्‍लासधर्मा है भारत का मन - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
हृदयनारायण दीक्षित भारत का मन उल्लासधर्मा है। व्यक्ति की तरह राष्ट्र का भी अंतर्मन होता है। भारत का मन हजारों वर्ष प्राचीन संस्कृति के अविरल प्रवाह का सुफल है। संस्कृति के निर्माण में वेद, उपनिषद्, पुराण, महाकाव्य और सतत् जिज्ञासा वाले वैज्ञानिक दृष्टिकोण की खास भूमिका है। वेदों में भरा…