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शिक्षा का वामपंथीकरण, पढ़ो गांधी की जगह लेनिन - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
लोकेन्‍द्र सिंह राजपूत सोच रहा था कम्युनिस्ट इस देश की सभ्यता व संस्कृति को मान क्यों नहीं देते? ध्यान में आया कि उनकी सोच और प्रेरणास्रोत तो अधिकांशत: विदेशी हैं। फिर क्यों ये इस देश के आदर्शों पर गर्व करेंगे। भारत की सभ्यता, संस्कृति और आदर्श उन्हें अन्य से कमतर…