आठ लोरियां सुना चुकी हूँ,
परियों वाली कथा सुनाई|
आधी रात बीत गई बीत भैया,
अब तक तुमको नींद न आई|
थपकी दे दे हाथ थक गये,
कंठ बोल बोल कर सूखा|
अब तो सोजा राजा बेटा,
तू है मेरा लाल अनोखा|
चूर चूर मैं थकी हुई हूं,
सचमुच लल्ला राम दुहाई|
आधी रात बीत गई बीत भैया,
अब तक तुमको नींद न आई|
सोये पंख पखेरू सारे,
अलसाये हैं नभ के तारे|
करें अंधेरे पहरेदारी,
धरती सोई पैर पसारे|
बर्फ बर्फ हो ठंड जम रही,
मार पैर मत फेक रजाई|
आधी रात बीत गई बीत भैया,
अब तक तुमको नींद न आई|
झपकी नहीं लगी अब भी तो,
सुबह शीघ्र न उठ पाओगे|
यदि देर तक सोये रहे तो,
फिर कैसे शाला जाओगे|
समझा समझा हार गई मैं,
बात तुम्हें पर समझ न आई|
आधी रात बीत गई भैया
अब तक तुमको नींद न आई|