आदिवासियों की सबसे प्रखर आवाज थे बलिराम कश्यप - प्रवक्ता.कॉम - Pravakta.Com
माओवादी आतंक से मुक्ति और सार्थक विकास से उन्हें मिलेगी सच्ची श्रद्धांजलि संजय द्विवेदी जिन्होंने बलिराम कश्यप को देखा था, उनकी आवाज की खनक सुनी है और उनकी बेबाकी से दो-चार हुए हैं-वे उन्हें भूल नहीं सकते। भारतीय जनता पार्टी की वह पीढ़ी जिसने जनसंघ से अपनी शुरूआत की और…