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जब मौत ''मजहबी'' होने लगे तो क्या होता है ? - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
बदलते भारत का मतलब कभी कोई आजादी की खातिर अचानक ही सक्रिय हो जाता है तो कोई हत्याओं को मजहबी चश्मे से देखने लगता है। मौत में इंसानियत की हत्या नहीं बल्कि दलित की हत्या के तौर पर सुराग जुटाए जाते हैं। आंदोलन होता है, तख्तियां बनती हैं, मरने…