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पितृसत्ताक समाज में पुंसवादी पर्वों के चंगुल में फँसीं स्त्रियां – सारदा बनर्जी - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
भारत का पितृसत्ताक ढांचे में बना समाज अपने उत्सवों में भी बेहद पुंसवादी है। देखा जाए तो त्योहारों का अपना एक आनंद होता है। लेकिन आनंद के उद्देश्य से जितने भी त्योहारों या व्रतों की सृष्टि की गई है वे सारे आयोजन कायदे से पितृसत्ताक मानसिकता का ज़बरदस्त परिचय देता…