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अक्सर ... - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
बारिशो के मौसम में ; यूँ ही पानी की तेज बरसाती बौछारों में ; मैं अपना हाथ बढाता हूँ कि तुम थाम लो , पर सिर्फ तुम्हारी यादो की बूंदे ही ; मेरी हथेली पर तेरा नाम लिख जाती है .. ! और फिर गले में कुछ गीला सा अटक जाता है ; जो पिछली बारिश…