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औरों को दुःखी न करें, यह हिंसा से भी बढ़कर है - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
डॉ. दीपक आचार्य हिंसा का यही मतलब नहीं है कि किसी की हत्या कर देना या हिंसक प्रवृत्तियों में लगे रहना। हिंसा का संबंध हिंसक मानसिकता और क्रूर व्यवहार से आरंभ होता है यही सूक्ष्म मानसिकता जब व्यवहार रूप में परिणत हो जाती है तब स्थूल आकार पाकर घृणित हो…