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कैसा वह नया ज़माना होगा - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
-जावेद उस्मानी- आओ देखें आने वाला अपना कल कितना सुहाना होगा। कैसा अपना जीवन होगा कैसा वह नया ज़माना होगा ! हर तरफ अजब धुंध होगी, अपना चेहरा अनजाना होगा सच और झठ को तोलने का , बस एक ही पैमाना होगा ! कहने को मेरी सूरत होगी मगर, अफसाना…