कोरोना टीके की ‘100 करोड़’ डोज ने रखी ‘आपदा में उत्सव’ मनाने की बुनियाद!

दीपक कुमार त्यागी


वर्ष 2020 में जब पूरी दुनिया में कोरोना का तेजी से प्रकोप होना शुरू हुआ था तो उस वक्त डब्ल्यूएचओ व दुनियाभर के अधिकांश कोरोना विशेषज्ञों के जहन में एक बात बार-बार कौंध रही थी कि इस घातक महामारी का भविष्य भारतवासियों के व्यवहार पर बहुत अधिक निर्भर है। लेकिन हमारे अधिकतर देशवासियों ने बेहद विकट परिस्थितियों जीवनयापन करते हुए, अत्याधिक जनसंख्या घनत्व होने के बाद भी बड़े पैमाने पर कोरोना से बचाव के सरकार द्वारा तय उपायों का अक्षरशः पालन करके इस महामारी को नियंत्रण में करने का कार्य पहली व दूसरी लहर में सरकार व सिस्टम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बखूबी किया था। वहीं सरकार व सिस्टम के द्वारा कोरोना टीके की 100 करोड़ डोज लगवाने का कार्य करके लोगों को महामारी से बचाव का सुरक्षा कवच प्रदान किया गया, इस स्थिति के बाद देश की जनता व ‘मोदी सरकार’ को जश्न मनाने की लंबें समय के बाद एक मजबूत बुनियाद मिल गयी है। भारत की जनता को घातक कोरोना महामारी से सुरक्षित रखने के लिहाज से “21 अक्टूबर 2021” गुरुवार के दिन हमारे देश ने कोरोना से बचाव के टीकाकरण के क्षेत्र में इतिहास रचने का कार्य कर दिया है। हमारे देश के सिस्टम ने अपनी बेहतरीन कार्यशैली का परिचय देते हुए आपसी जन सहयोग व सूझबूझ से 100 करोड़ टीके की डोज महामारी के चलते बीच-बीच में बेहद भयावह व विकट परिस्थिति उत्पन्न होने के बाद भी लोगों को लगाकर इतिहास रचने का कार्य किया है। 
“बहुत कम दिनों में किसी भी टीके की 100 करोड़ डोज भारत जैसे सीमित संसाधनों वाले देश में लोगों को सुरक्षित तरीक़े से लगा देना अपने आप में दुनिया को आश्चर्यचकित करने वाला एक बड़ा बेहद जटिल टीकाकरण अभियान है। इस अभियान में ऐतिहासिक लक्ष्य को हासिल करने में सभी पक्षकारों का जिम्मेदारी से परिपूर्ण व्यवहार बेहद कारगर रहा है। यह अभियान हमारे देश की केन्द्र व राज्य सरकारों, सिस्टम, स्वास्थ्यकर्मियों, आशाकर्मी, आगंनबाड़ी कर्मी, वैज्ञानिकों, टीके का युद्धस्तर पर निर्माण करने वाली सभी कंपनियों और उनके दिनरात एक करके काम करने वाले प्रबंधन व कर्मचारियों की बुद्धिमत्ता, प्रबंधन व मेहनत की देश व दुनिया के सामने एक बड़ी मिसाल है।”
भारत में चलने वाला यह बृहद टीकाकरण अभियान विकट परिस्थितियों में आधुनिक विज्ञान व हमारे देश के सिस्टम के अद्भुत तालमेल का एक बेहतरीन परिचायक है। भविष्य में यह दुनिया के लिए अध्ययन का मसला बनते हुए प्रबंधन व कार्यान्वन के लिए एक बहुत बड़ी नजीर बन सकता है। यह अभियान दुनिया को भारत की प्रबंधन क्षमता, दृढसंकल्प, इच्छाशक्ति व मेहनत से परिपूर्ण कार्यक्षमता का परिचय भी देता है। टीकाकरण का हासिल यह बड़ा लक्ष्य दुनिया को संदेश देता है कि भारत अगर किसी बात के लिए ठान ले तो वह विकट से विकट परिस्थितियों में भी असंभव को भी संभव कर सकता है। यहाँ आपको यह याद दिलाना आवश्यक है कि भारत में कोरोना से आम जनमानस को सुरक्षित रखने के लिए बृहद टीकाकरण अभियान “16 जनवरी 2021” को शुरू किया गया था। हमारे देश में सबसे पहले कोरोना से प्रथम पंक्ति पर रहकर संघर्ष करने वाले हमारे जाबांज योद्धाओं डॉक्टरों, नर्सों, सफाईकर्मियों और अन्य सभी स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगवाने का कार्य सरकार के द्वारा एक बहुत बड़े उत्सव की तर्ज पर शुरू किया गया था। हालांकि टीकाकरण के इस अभियान में शुरुआती चंद दिनों के जोश के बाद देश में सुस्त रफ्तार ने आमजनमानस के मन में एक बड़ा संशय उत्पन्न करने का कार्य कर दिया था कि कहीं हमारे देश के फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स टीका लगवाने से बच तो नहीं रहे हैं। वहीं टीकाकरण के विरोधी लोग व कुछ राजनीतिक दलों के बयानों ने भी इस आग में घी डालकर जनता को ‘मोदी विरोध’ के चक्कर में गुमराह करने का प्रयास भी बहुत किया था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सरकार, सिस्टम डॉक्टरों व कोरोना के विशेषज्ञों ने जनता के इस संशय को तत्काल खत्म करने का कार्य बाखूबी अंजाम दिया था। उसके बाद देश की बुज़ुर्ग आबादी व फिर युवाओं को कोरोना से बचाव के लिए टीके का सुरक्षा कवच प्रदान किया जाने लगा था, जो आज भी निरंतर नये-नये रिकॉर्ड बनाने के साथ चल रहा है।
देशवासियों को अच्छे से ध्यान होगा कि कोरोना का टीकाकरण अभियान बहुत ही ज़ोर-शोर और उत्साह के साथ शुरू किया गया था, लेकिन चंद दिनों बाद धरातल पर जब तरह-तरह की समस्याएं आने लगी थी, जिसके चलते हम भारतीयों की क्षमताओं पर दुनिया में संदेह करने वाले बहुत लोग थे। हालांकि धरातल पर उत्पन्न स्थिति देखकर एकबार तो यह लगने लगा था कि कोरोना टीकाकरण यह अभियान लंबा कई वर्षों तक चलेगा, तब कहीं जाकर देश की जनता का टीकाकरण हो पायेगा। हालांकि टीकाकरण का यह भी सबसे बड़ा एक कटु सत्य है कि देश के नीतिनिर्माताओं के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात यह थी उस समय टीकों के कम उत्पादन के चलते टीका निर्माता कंपनियों की तरफ से टीके की आपूर्ति सीमित मात्रा में ही हो रही थी, जिसकी वजह से टीकाकरण केन्द्रों के धरातल पर टीकों की भारी किल्लत होने लगी थी, जिसके चलते भारत का टीकाकरण कार्यक्रम जल्द ही पटरी से उतर गया और लगने लगा था कि सरकार के द्वारा टीकाकरण का जो लक्ष्य दिया जा रहा है वह एक जुमला मात्र है। वहीं लोगों की जिंदगी को सुरक्षित करने वालें इस टीकाकरण अभियान के दौरान भी पक्ष-विपक्ष में जमकर राजनीति भी हुई थी, लोगों ने भी रोजाना राजनेताओं की तू-तू मैं-मैं का भरपूर आनंद भी लिया था, टीके के पक्ष-विपक्ष में तर्क-वितर्क व कुतर्क भी देखें थे, टीके को लेकर के जमकर हर तरह के प्लेटफार्म पर प्रचार व दुष्प्रचार भी देखा था। लेकिन धीरे-धीरे दृढ इच्छाशक्ति के चलते इस अभियान को धरातल पर चलाने वालें कर्मचारियों के बुलंद हौसले के आगे देश में हर तरह का नकारात्मक दुष्प्रचार पस्त हो गया, वहीं दूसरी तरफ कंपनियों के द्वारा युद्धस्तर टीके का उत्पादन बढ़ाया गया और फिर तो देश के टीकाकरण अभियान ने नित-नये आयाम स्थापित करने शुरू कर दिये।
जिसके परिणामस्वरूप भारत ने कोरोना के ख़िलाफ़ जंग में 100 करोड़ टीके की डोज देने की जबरदस्त उपलब्धि मात्र 278 दिन के अंतराल में हासिल कर ली है। देश में कोरोना से बचाव के लिए 100 करोड़ टीके लगाए जाने के बाद ‘आपदा में उत्सव’ के जश्न का माहौल दिखाई दे रहा है, इस मौके को यादगार बनाने के लिए मोदी सरकार की ओर से भी पूरी तैयारी की गई है। देश की ऐतिहासिक इमारतों से लेकर हवाई जहाज तक पर इस उपलब्धि का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। मोदी सरकार के मंत्री व भाजपा के शीर्ष नेता तक अपने छोटे-बड़े कार्यक्रमों के माध्यम से उपलब्धि का बखान कर रहे हैं। 
“जनता को भी कोरोना काल में लंबें समय के बाद त्योहारी सीजन में बड़ा उपहार मिल गया है उसके चेहरे पर भी बड़े दिनों के बाद धूमधाम से त्योहार मनाने की खुशियां स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं। लेकिन हम सभी को पूरी सावधानी के साथ यह ध्यान रखना है कि ‘आपदा को उत्सव’ में बदलने का जो मौका ईश्वर ने हम लोगों को दिया है, हम लोगों को उसमें कोरोना गाइडलाइंस का अक्षरशः पालन करते हुए टीकाकरण करवाकर, बेवजह भीड़भाड़ ना करके अब हमेशा के लिए बरकरार रखना है।”
हम लोगों को याद रखना है सारी दुनिया में कोराना महामारी स्वास्थ्य के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बन गयी है, इससे बचाव की विभिन्न पाबंदियों के चलते लोगों की ज़िंदगी बेहद कठिन हो गयी है, कोरोना काल में उनको लंबें समय से आजीविका का निरंतर बड़ा नुकसान होता चला आ रहा है, देश की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल हो गयी है। इसलिए भविष्य में इस तरह की स्थिति उत्पन्न होने से बचने के लिए देश में कोरोना के जोखिम को कम करने के लिए हमकों निरंतर जागरूक नागरिक बनकर प्रयास जारी रखने होंगे, वहीं कोरोना से बचाव के उपाय, टीकाकरण व “दो गज की दूरी मास्क है जरूरी” के नियमों का पालन स्वैच्छिक रूप से करना होगा, तब ही हम भविष्य में इस कोरोना आपदा का खात्मा करके पूरे जोशोखरोश के साथ उत्सव मना पायेंगे।
।। जय हिन्द जय भारत ।।।। मेरा भारत मेरी शान मेरी पहचान ।।

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