आये हो जब से तुम मेरी जिन्दगी में
एक तूफ़ान आ गया मेरी जिन्दगी में
लगता है ये मौसम बेईमान हो गया
शायद ये दिल मेरा परेशान हो गया
लगता है ये तूफ़ान आगे बढ़ने लगा
मेरी रातो की नींद को ये चुराने लगा
न दिन में है चैन,न रात को है चैन
कयू करता है,मेरे दिल को ये बैचैन ?
तन मन की सुध खो बैठी हुई हूँ
भूख प्यास अब लगती ही नहीं
सुख चैन सब कुछ खोये बैठी हुई है
अब मेरा मन कही लगता ही नहीं
रूकने का नाम ये लेता ही नहीं
मरने के बाद ही दम लेगा कहीं
शायद ये तूफ़ान नया गुल खिलायेगा
मेरी मौत को ये जल्दी ही बुलायेगा
ये दिल काबू में नहीं शैतान हो गया
मेरे मन का ये अब मेहमान हो गया
ये मेहमान जो जाने का नाम लेता नहीं
ऐसा मेहमान गन्दगी में कभी देखा नहीं
करी है कोशिश इस तूफ़ान रोकने की
पर ये तूफ़ान रोके से भी रूकता नहीं
कैसे रुके ये अब ये तूफ़ान दिल का
कोई बात मुझे समझ में आती नहीं
क्यों आते है ये तूफ़ान जिन्दगी में ?
ये तूफ़ान आते है, हर जिन्दगी में
ये प्रक्रति का नियम है,ये आते जरुर
सदियों से चला आ रहा है,ये दस्तूर
आर के रस्तोगी
श्री गिरधारी लाल जी, टिप्पणी के लिए सादर आभार |
सच्ची दीवानगी या सच्चा प्यार ऐसा ही होता है जो अमिट होता है जिसका आकर्षण कभी खत्म नहीं होता है । प्यार एक एहसास होता है जिसमें एक शाश्वत जीवंतता होती है। वह हमेशा जिंदा रहता है , अमर रहता है क्योंकि उसमें वासना नहीं , बल्कि एक मोहक सुगंध होती है।