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खुशी के लिये कम सोचें और ज्यादा जिएं - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
- ललित गर्ग - अपने भीतर झांकने पर पता चलता है कि कई तरह की तमन्नाएं और ख्वाहिशें दुबकी बैठी हैं, जो चैन से जीने नहीं देतीं। कई सवाल हैं, जिनके जवाब तक पहुंचे बिना खुशी एवं महत्वाकांक्षाएं अधूरी ही रहती है। जब दिल खुश होता है तो उसकी रौनक…